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गुरुवार, 4 जून 2020

भारत को गुलाम किसने बनाया

भारत को गुलाम किसने बनाया?
 जब से हमने होश संभाला और पढ़ना शुरू किया तो हमें यही पढ़ाया जाता रहा कि हमारा देश 1000 साल तक आपसी फूट के कारण गुलाम रहा। लेकिन हमारे सरकारी इतिहासकारों ने इस तथ्य को कभी उजागर नहीं किया कि यह आपसी फूट डालनेवाले लोग कौन थे? इन्होंने कैसे फूट डाली? इतिहास गवाह है कि मामला फूट का नहीं था। ये गद्दारियों से भरा इतिहास है जिसने इस देश को कमजोर किया और यही कारण है कि देश 1000 साल तक गुलामी की बेडि़यों में जकड़कर अपनी किस्मत पर आंसू बहाता रहा। यह गद्दारी करने वाले वही ब्राह्मण थे जो जाटों को देशद्रोही, आतंकवादी, रेपिस्ट, लुटेरा, डाकू कहते हैं यहां तक कि स्कूल की किताबों में भी जाटों को लुटेरा, डाकू लिखवा दिया। उदाहरण के लिए यहाँ कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख कर रहा हूं -

• मौर्य साम्राज्य के आखरी राजा बृहद्रथ (मोर गोत्री जाट) को उन्हीं के ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने मारा ओर उनका राज हड़प लिया।
• फिर इन्होंने आखरी बौद्ध सम्राट हर्षवर्धन(बैंस गोत्री जाट) को मरवाया और उनके साम्राज्य पर ब्राह्मण सेनापति अर्जुन ने अधिकार करने के लिए प्रयत्न प्रारम्भ कर दिया किन्तु वंगहुएंत्से ने तिब्बत की सहायता से अर्जुन को बन्दी बनाकर चीन भेज दिया।
• फिर उन्होंने 696 ई. में माउंट आबू पर यज्ञ किया और अलग अलग जातियों को तोड़कर उनमें से नई राजपूत जाति बनाई। इनमें सबसे ज्यादा जाट थे।
• फिर सिंध के महाराजा सिहासीराय(मोर गोत्री जाट) को उन्हीं के विश्वासपात्र चच ब्राह्मण ने मरवा दिया। यही चच ब्राह्मण सिंध (आलौर) का सम्राट् बन बैठा और अपने राज का शिकंजा कसते हुए जाटों पर अमानवीय जुल्म ढ़ाये जिसमें जाटों को मलमल का कपड़ा न पहनना, सिर पर छतरी न लगाना, घोड़े पर काठी न कसना, जाट औरतों को घाघरे में नाड़ा न डालकर उसे रस्सी से बांधना, राजा की रसोई के लिए केवल जाटों द्वारा ही जंगल से लकड़ी लाना, वह भी नंगे पैरों तथा अपने कुत्तों को साथ ले जाना आदि आदेश जारी किये और उनको बड़ी शक्ति से मनवाया। इसी चच ब्राह्मण ने अपने “चचनामा” में जाटों को चाण्डाल जाति लिखा है।
• फिर जब कासिम सिंध पर हमला करने आया तो दाहिर का ब्राह्मण मंत्री ज्ञानबुद्ध व पुजारी मनसुख तथा हरनन्दराय रात्रि में बिन-कासिम से मिले और घूस के लालच में बिन-कासिम को लड़ाई जीतने के लिए एक युक्ति बतलाई जिससे कासिम हारी हुवी लड़ाई जीत गया।
• फिर इन्होंने भारत के लोगों का खून चूस चूस कर मंदिरों में सोना भर दिया और उसी सोने की चमक ने मोहम्मद गजनी को भारत तक खींच लाई। और गजनी ने पूरे भारत में भोकाल मचा दिया। जब गजनी सोमनाथ के धन को लूट कर लेजा रहा था तब जाटों ने उसका आधे से ज्यादा धन छीन लिया तो सोमनाथ के पंडितों ने जाटों को लूटेरा कहना शुरू कर दिया।
• फिर कन्नौज के राजा जयचंद के पुरोहितों ने पृथ्वीराज चौहान के राज्य पर चढ़ाई करने के लिए मोहम्मद गौरी को न्योता दिया।
• गंगाराम ब्राह्मण जिसने गुरु गोविंदसिंह जी की माता जी के पास कुछ गहने देखकर लालच में आया और सूबा सरहिन्द के अधिकारी नवाब जानी खाँ को सूचना दी की गुरु जी के दोनों छोटे बेटे जोरावरसिंह (9 वर्ष) तथा फतेसिंह (7 वर्ष) उसके पास हैं। सूबा सरहिन्द ने दोनों बच्चों को अपने कब्जे में लेकर कत्ल का आदेश दे दिया।
• मुगलराज की स्थापना में बाबर का सबसे बड़ा सहयोग करने वाला हिन्दू ब्राह्मण वजीर रेमीदास था जिसने बाबर को उत्तर भारत की पूरी जानकारियां दीं, जो एक बहुत ही बुद्धिमान् और चतुर आदमी था। 
• इसी प्रकार गजनी की सेना में तिलक नाम का हिन्दू ब्राह्मण था जिसने भारतवर्ष के मन्दिरों की पूरी जानकारियां देकर इनको गजनी के हाथों लुटवाया।
• फिर पेशवा ब्राह्मणों ने छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी को औरंगजेब की कैद में डलवा दिया। फिर शिवाजी महाराज के मरने के बाद पेशवा ब्राह्मणों ने उनका राज हड़प लिया।
• फिर एक बाजीराव पेशवा (ब्राह्मण) हुआ जिसको ब्राह्मण महान कहते फिरते हैं लेकिन उसको देख कर सुंदर औरतें आत्महत्या कर लेती थी ताकि उससे बच सकें।
• 1857 की क्रांति में ब्राह्मण गंगाधर कौल क्रांतिकारियों की मुखबरी करके अंग्रेजों की सेवा करता रहा। इसने राजा नाहर सिंह को फासी दिलवाने में कोई करस नहीं छोड़ी। और इसी का सगा पौत्र पंडित नेहरू देश का प्रथम प्रधानमंत्री बना।

यह तो बस कुछ एक उदाहरण थे अगर कोई इतिहास का अध्ययन करें तो पता चले इतिहास तो इन गद्दारों की गद्दारियों से भरा पड़ा है।

जालाराम

सामान्य ज्ञान