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रविवार, 21 जून 2020
सूर्य और चन्द्र ग्रहण
सूर्ये और चन्द्र #ग्रहण धर्म बनाम विज्ञान आप तय करना कि कौन सही हैं और कौन गलत1.हिन्दु धर्म=हिंदू धर्म में #चंद्रग्रहण के पीछे राहु केतु होते हैं। जो अपने ताकत से इसको ढक देते हैं। जिससे अंधेरा हो जाता है।जिसमे कई पौराणिक कथाओं का उल्लेख है। और इसके प्रकोप से बचने के लिये बड़े स्तर पर दान पुण्य किया जाता है । ताकि इसका असर कम कर सके । मेने जब यूट्यूब खोल कर यह वीडियो देखा तो इतना अलग अलग धर्मो के बारे में बता रखा कि आदमी देखे तो उनके बहकावे में जरूर आ जायेंगे2.इस्लाम धर्म=पहला, चंद्र और सूर्य ग्रहण अल्लाह तआला की ताकत और कुदरत को दिखाता है। दूसरा, हज़रत मोहम्मद के साथी हजरत अबु बक्र का कहना था कि, सूरज या चांद पर ग्रहण लगने से लोग डर जाते हैं। जिसके बाद मुस्लिम लोग अल्लाह से उसके रहम की पुकार लगते हैं। तीसरा, हजरत अबु मूसा का कहना था कि ग्रहण कयामत के दिन की याद दिला देता है।3.चीनी लोगो में मान्यता है कि स्वर्ग का कुत्ता है वो सूर्ये को निगल जाता है4.पश्चिम एशिया में मान्यता है ड्रेगन सूर्ये को छुपा लेता है इसलिये लोग ढोल बजाते हैं और फिर ग्रहण खत्म हो जाता है। होगा ही खत्म जब घण्टा भर बजाओगे तो अपने आप ही हो जाएगाऐसे ही कहानी किस्से हर धर्म मे आपको मिलेंगे लगभग?अब बात विज्ञान की जो सार्वभौमिक सत्य है3.विज्ञान= वेसे समझने वाले विडिओ के माध्यम से भी समझ सकते हैं कि यह सब ग्रहों की गति के कारण होता है जैसे सूर्ये के चारो ओर यह धरती चक्र लगाती है जिस पर हम निवास करते हैं ।यह एक साल में यानी 365 दिन में सूर्ये का एक चक्र पूरा करती है और खुद लगभग 24 घटे में अपनी धुरी पर घूमती है जिससे दिन और रात होते हैं। अब जो चाँद है वो हमारी पृथ्वी के चारो ओर चक्र लगाता है उसका चक्र औसत लगभग 29 दिन में पूरा करता है । जब यह तीनों सूर्ये चांद और पृथ्वी घुमते घुमते एक दूसरे के सामने आ जाते हैं तो हमे चाँद या सूर्ये का कुछ भाग दिखना बन्द हो जाता है यह ठीक वैसा ही है जैसा आप किसी जलते हुवे बल्ब के आगे हाथ लाते हो तो सामने वाले भाग में अंधेरा हो जाता है। ग्रहण होने का समय निश्चित होता है यह कई देशों में दिखाई देता है तो कही नही । एक साल मे भी ग्रहण होने जितने होकर ही रहेंगे जब से यह धरती बनी है और चांद सूरज बने है। पर बात यह आती है कि मैने आपको यह बात क्यो बताई कई लोग बोल रहे थे कि यह तो 5 वी क्लास के बच्चे को पता है । में भी चाहता हु उसको पता चले क्यो न चले पर बात यह भी है कि फिर उस धर्म का क्या जिसका सहारा लेकर इसके गुण दोष बताये जाते हैं जबकि ऐसा तो है नही की दान पुण्य करने से ग्रहण होना बंद हो जाएगा । या रुक जाएगा तो फिर यह कर्मकांड क्यो?।।उमीद है आगे से आप भी इसको प्रकृति की एक घटना समझोगे और डर से बचोगे उमीद है आप समझ पाए होंगेनोट= खुली आँखों से नही देखे । एक्सरे वाले काले प्लास्टिक से देखकर आनंद ले सकते हैं शुक्रिया
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