बताया गया कि यह एक किसान परिवार की बेटी है और दयानंद ने जिस तरह जाटों का उद्धार किया है वैसे ही यह गुर्जरों का उद्धार करने को पैदा हुई है!
इसने ललाट पर चंदन का मिश्रण लगा करके केदारनाथ में जाकर वीडियो डालकर बहुत बड़ी क्रांति का आगाज किया है!
कबीर पत्थर के हमले झेलकर निपटा दिए गए मगर वीडियो फेसबुक पर डालकर बहुत बड़ी क्रांति का आगाज कर दिया गया है बहन द्वारा!
अब वीर नहीं वीरांगनाएं क्रांति का आगाज कर ही है!सचमुच में भारत बदल रहा है!
पहले किताबें लिखकर कटप्पा ने क्रांति का आगाज किया था और अब वीडियो डालकर कटप्पा की बहने क्रांति का फीता काट रही है!
धर्म के चमचों,जातियों के चमचों के लिए मान्यवर कांशीराम जी ने किताब लिखी थी "The chamcha age"!1982 में!
सबरीमाला मंदिर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हमारी वीरांगनायें क्रांति की जंग लड़ रही है।एक कोई मुम्बई की दरगाह में भी भारी क्रांति हो रही है!
कभी सोचा!जहां जाने में कोई फायदा नहीं उसके लिए ये क्रांतियां क्यों हो रही है?चौधरी छोटूराम की प्रेरणा से बोर्डिंग-स्कूल बने थे,बाबा साहब की प्रेरणा से हमने देवालयों के बजाय विद्यालयों का रास्ता चुना था।
ये मंदिर प्रवेश आंदोलन करने वाले,पूजा में गैर-बराबरी दूर करने के लिए लड़ने वाले वीर-वीरांगनाएं कौन है और कहां से आकर बीच-बीच मे भ्रांति की क्रांति करने की गफलत फेंक जाते है?
खूब लड़ी मर्दानी यह तो चंदन वाली मासी थी.....!
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