बुधवार, 15 जून 2022

'वायु प्रदूषण का मौजूदा स्तर कायम रहा तो उत्तर भारत के 50 करोड़ लोग गंवा सकते हैं जीवन के 7.6 साल' शिकागो विश्वविद्यालय में एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ईपीआईसी) के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में कहा गया है कि वर्ष 2013 से दुनिया के प्रदूषण में बढ़ोतरी में लगभग 44 प्रतिशत योगदान भारत का है।

शिकागो विश्वविद्यालय में एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ईपीआईसी) के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में कहा गया है कि वर्ष 2013 से दुनिया के प्रदूषण में बढ़ोतरी में लगभग 44 प्रतिशत योगदान भारत का है।

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