मंगलवार, 30 जून 2020

Isolated Thunderstorms today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 104F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 5 from the Northwest

Pollen:

Sunrise: June 30, 2020 at 05:46AM

Sunset: June 30, 2020 at 07:35PM

UV index: 5

Humidity: 33%

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June 30, 2020 at 04:00PM

सोमवार, 29 जून 2020

Clear today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 104F and Sunny outside.

Current wind speeds: 12 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 29, 2020 at 05:46AM

Sunset: June 29, 2020 at 07:35PM

UV index: 5

Humidity: 33%

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June 29, 2020 at 04:00PM

रविवार, 28 जून 2020

Sunny today!



With a high of 104F and a low of 86F. Currently, it's 104F and Sunny outside.

Current wind speeds: 16 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 28, 2020 at 05:46AM

Sunset: June 28, 2020 at 07:35PM

UV index: 5

Humidity: 33%

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June 28, 2020 at 04:00PM

महाराजा रणजीतसिंह

महाराजा रणजीतसिंह की गणना भारत के महान् शासकों में की जाती है। इटालियन जाति में जुलियस सीजर, फ्रांसीसियों में नैपोलियन, जर्मनों में लूथर, हिटलर और यूनानियों में जो स्थान सिकन्दर का है उनसे भी अधिक महत्त्वपूर्ण उज्जवल स्थान ने केवल सिक्खों एवं जाटों में बल्कि भारतवासियों में महाराजा रणजीतसिंह का है।
बौद्धकाल में बौद्धर्म में जो महत्त्व मौर्य जाट सम्राट् अशोक का है वही सिक्खों और जाटों में संधावलिया गोत्र के जाट महाराजा रणजीतसिंह का है। एक साधारण स्तर से प्रगति करके उन्होंने सम्पूर्ण पंजाब पर अपना आधिपत्य जमा लिया। इनके नेतृत्व में सिक्ख एक मजबूत, शक्तिशाली और संगठित सैनिक राज्य में परिवर्तित हो गए। निःसन्देह महाराजा रणजीतसिंह में एक जन्मजात शासक की विशेषतायें थीं। स्वयं निरक्षर होते हुए भी विलक्षण बुद्धि, अद्भुत शक्ति, विशुद्ध राजनीति और संगठन करने की जिस अनोखी प्रतिभाशालिता का उन्होंने परिचय दिया वह स्वाभिमानी जाट जाति के इतिहास में आदर्श उदाहरण है।
जिन दुर्दान्त पठानों की प्रचण्ड वीरता के सामने सारा भारत एक बार कम्पायनमान हो रहा था, उन्हें दिलेरी से दण्ड देकर यदि किसी भारतीय नरेश ने सीधा तथा अपने अधीन बनाया तो वह केवल महाराजा रणजीतसिंह ने ही ऐसा किया। इनके समय सिक्खों का सौभाग्यसूर्य मध्याह्न पर था। महाराजा रणजीत एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के आस पास भी नहीं फटकने दिया। 

महाराजा रणजीतसिंह का जन्म 13 नवम्बर 1780 ई० को गुजरांवाला में हुआ। उसके पिता चन्द्रवंश में संधावालिया गोत्र के जाट महासिंह थे जो सुकरचकिया मिसल के नेता चरतसिंह के पुत्र थे। रणजीतसिंह की माता का नाम राजकौर था। जब रणजीतसिंह 5 वर्ष के हुवे तो उन्हें पढ़ने के लिए पाठशाला में भेजा गया, परन्तु रुचि न होने के कारण इन्होंने पढ़ना बन्द कर दिया। बचपन में ही रणजीतसिंह को भयानक चेचक निकल आई जिससे उनकी शक्ल बहुत बिगड़ गई और उसकी बाईं आंख भी खराब हो गई।

एक वीर तथा महत्त्वाकांक्षी युवक होने के कारण के सारे पंजाब पर अपना राज्य स्थापित करना चाहते थे। अपने इस स्वप्न को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी विजययात्रायें आरम्भ कर दीं। उसकी विजयों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है -
लाहौर की विजय (सन् 1799-1800)
अमृतसर की विजय (1805 ई०)
सिक्ख मिसलों के प्रदेशों की विजय (1802-1811 ई०)
कसूर और झंग की विजय (1807 ई०)
कांगड़ा की विजय (1809 ई०)
अटक की विजय (1813 ई०)
मुलतान की विजय (1818-1819 ई०)
कश्मीर विजय (1819 ई०)
मुंघेर, डेरा इस्माईलखां, बन्नू आदि की विजय (1821 ई०) 
पेशावर की विजय (1834 ई०)

महाराजा रणजीतसिंह ने एक विशाल साम्राज्य बना लिया था। इनके राज्य की सीमायें उत्तर में कराकोरम पर्वत और तिब्बत तक, दूसरी ओर उत्तर पश्चिम में हिंदुकुश व सुलेमान पहाड़ियों को छूती थी। दक्षिण-पूर्व में इनका राज्य सतलुज नदी तक और दक्षिण-पश्चिम में सिन्धु नदी व सिन्ध प्रान्त तक था। पश्चिम में सिन्धु नदी तथा उसके पार डेरागाजी खां, डेरा इस्माइल खां, बन्नू, कोहाट और पेशावर के प्रान्त इनके राज्य में शामिल थे। इनका राज्यविस्तार तत्कालीन सम्पूर्ण भारतीय नरेशों से अधिक एवं शक्तिशाली था। महाराजा रणजीतसिंह को यदि भारत के अन्तिम सम्राट् कह दिया जाये तो वजा होगा। उसने अपने राज्य को चार सूबों में बांटा था - (1) लाहौर (2) मुलतान (3) कश्मीर (4) पेशावर।

महाराजा ने बहुत से प्रदेशों पर विजय प्राप्त करके अपनी छोटी-सी सुकरचकिया मिसल को एक विशाल राज्य में परिवर्तित कर दिया। वीर योद्धा पंजाबकेसरी महाराजा रणजीतसिंह का 27 जून 1839 ई० को स्वर्गवास हो गया।
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शनिवार, 27 जून 2020

Sunny today!



With a high of 102F and a low of 86F. Currently, it's 102F and Sunny outside.

Current wind speeds: 15 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 27, 2020 at 05:45AM

Sunset: June 27, 2020 at 07:35PM

UV index: 5

Humidity: 37%

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June 27, 2020 at 04:00PM

शुक्रवार, 26 जून 2020

Mostly Sunny today!



With a high of 99F and a low of 84F. Currently, it's 100F and Fair outside.

Current wind speeds: 14 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 26, 2020 at 05:45AM

Sunset: June 26, 2020 at 07:35PM

UV index: 5

Humidity: 44%

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June 26, 2020 at 04:00PM

गुरुवार, 25 जून 2020

भारतीय प्रेस परिषद के मना करने के बाबजूद गोदी मीडिया दिग्भ्रमित प्रचार कर रही हैं

भारतीय प्रेस परिषद के मना करने के बाबजूद गोदी मीडिया दिग्भ्रमित प्रचार कर रही हैं

भारतीय प्रेस परिषद ने 4 अप्रैल 2020 को एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमे मीडिया संस्थानों को साफ साफ निर्देश दिए गए थे कि कोरोना वायरस के इलाज का दावा करने वाले आयुर्वेदिक, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी से संबंधी विज्ञापनों को न दिखाया जाए

उसके 3 दिन पहले 1 अप्रैल को आयुष मंत्रालय ने प्रिंट, टेलीविजन और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का भ्रामक प्रचार एवं इश्तहार बंद करने का निर्देश दिया था.

इसके बावजूद कल दिन भर तमाम न्यूज़ चैनल और वेबसाइटों पर बाबा रामदेव की कोरोना की फर्जी दवाई के बारे प्रचार किया जाता रहा …..बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि टीवी पर प्रिंट में करोड़ों रुपए के विज्ञापन रिलीज करती है प्रिंट, टेलीविजन और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया उपरोक्त बात जानता था इसलिए उसने विज्ञापन सीधे रूप से तो नही दिखाए लेकिन अपरोक्ष रूप से दिन भर तमाम न्यूज़ चैनल उस दवाई का प्रमोशन करते रहे और फर्जी दवाई पर लाला रामदेव के फर्जी दावे की पुष्टि करते रहे एबीपी न्यूज़ चैनल ने इस फर्जी दवाई के लॉन्चिंग का सीधा प्रसारण तक कर दिया कई न्यूज़ चैनल तो ऑर्डरमी नाम की एक मोबाइल एप का प्रचार करते रहे जिसकी मदद से लोग घर बैठे कोरोना की दवा मंगा सकेंगे।

यानी लाला रामदेव का तो असली काम हो गया था फिर शाम को आयुष मंत्रालय को होश आया ओर उसने पतंजलि को चेतावनी दी है कि ठोस वैज्ञानिक सबूतों के बिना कोरोना के इलाज का दावे के साथ दवा का प्रचार-प्रचार किया गया तो उसे ड्रग एंड रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून के तहत संज्ञेय अपराध माना जाएगा। पतंजलि को यह भी बताना होगा कि इस दवा का ट्रायल किन-किन अस्पतालों में और कितने मरीजों पर किया गया। ट्रायल शुरू करने के क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरआइ) में दवा का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। पतंजलि से सीटीआरआइ के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ ट्रयल के परिणाम का पूरा डाटा देने को कहा गया है।

रात होते होते पतंजलि की तरफ से जवाब आया कि पतंजलि की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय को जो भी गलतफहमी थी, वह दूर कर दी गई है। पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाओं की जांच (रेंडमाइज्ड प्लेसबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल) के सभी आधिकारिक मानकों को सौ प्रतिशत पूरा किया है। इसकी सभी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है, अब कहीं कोई संशय नहीं रह गया है।’

लेकिन यदि पतंजलि सही होती आयुष मंत्रालय यह रोक लगाता ही नही ………लेकिन इस घटनाक्रम के बावजूद भी न्यूज़ चैनल इस फर्जी दवाई का प्रचार करते रहेंगे……..

(वरिष्ठ पत्रकार गिरीश मालवीय जी के फेसबुक वॉल से

Scattered Thunderstorms today!



With a high of 97F and a low of 83F. Currently, it's 98F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 9 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 25, 2020 at 05:45AM

Sunset: June 25, 2020 at 07:35PM

UV index: 4

Humidity: 51%

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June 25, 2020 at 04:00PM

बुधवार, 24 जून 2020

Partly Cloudy today!



With a high of 99F and a low of 83F. Currently, it's 99F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 9 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 24, 2020 at 05:44AM

Sunset: June 24, 2020 at 07:35PM

UV index: 4

Humidity: 46%

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June 24, 2020 at 04:00PM

मंगलवार, 23 जून 2020

Partly Cloudy today!



With a high of 102F and a low of 85F. Currently, it's 102F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 6 from the Northwest

Pollen:

Sunrise: June 23, 2020 at 05:44AM

Sunset: June 23, 2020 at 07:34PM

UV index: 5

Humidity: 34%

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June 23, 2020 at 04:00PM

रायमलवाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन 24 जून को

गांव रायमलवाड़ा की पावन धरा पर दिनांक 24 जून , बुधवार को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन रखा गया है।इससे पहले भी रायमलवाड़ा में अनेक सफलतम रक्तदान शिविरों का आयोजन रखा जा चुका है,जिसमें सैकड़ो युवाओं ने स्वेच्छा से मानव सेवार्थ अपना अमूल्य रक्तदान जैसा पुण्यदायी कार्य कर गांव को गौरवान्वित किया हैं। आसपास क्षेत्र के युवाओं से करबद्ध निवेदन है कि आप 24 जून को रायमलवाड़ा में आयोजित रक्तदान शिविर में पधारकर मानव कल्याण के लिए रक्तदान करने जरूर पधारें । आपके द्वारा किये गई अमूल्य रक्तदान से किसी इंसान की जान बचाई जा सकती हैं।रक्त एक ऐसी चीज हैं जो किसी भी प्रयोगशाला में नहीं  बनाया जा सकता है न ही किसी फैक्ट्री में बनाया जा सकता है, यह सिर्फ और सिर्फ मानव शरीर में ही बनता है, व किसी आवश्यकता वाले मानव शरीर में ट्रांसफर किया जा सकता है।
  रक्तदान से किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है,
यह बात डॉक्टरों व वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित की जा चुकी है। स्वस्थ व्यक्ति 3 माह से एक बार रक्तदान कर सकता है।

तो मित्रों आप से एक बार पुनः आग्रह, आइये 24 जून को रायमलवाड़ा में........... मानव कल्याण के लिये रक्तदान कीजिये.......पूण्य का लाभ कमाईऐ...........


हमारे रक्त मित्र मंडल आपसे वादा करते है, #रेड_डोनर्स_क्लब_जोधपुर व #द_लाइफ_सेवर्स_ग्रुप सम्पूर्ण भारतवर्ष में आवश्यकता पड़ने पर रक्त उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगे व आपकी सेवा में तैयार खड़े मिलेंगे

सोमवार, 22 जून 2020

Partly Cloudy today!



With a high of F and a low of 86F. Currently, it's 103F and Fair outside.

Current wind speeds: 7 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 22, 2020 at 05:44AM

Sunset: June 22, 2020 at 07:34PM

UV index: 5

Humidity: 30%

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June 22, 2020 at 04:00PM

रविवार, 21 जून 2020

Clear today!



With a high of F and a low of 86F. Currently, it's 104F and Sunny outside.

Current wind speeds: 12 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 21, 2020 at 05:44AM

Sunset: June 21, 2020 at 07:34PM

UV index: 5

Humidity: 29%

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June 21, 2020 at 04:00PM

सूर्य और चन्द्र ग्रहण

सूर्ये और चन्द्र #ग्रहण धर्म बनाम विज्ञान आप तय करना कि कौन सही हैं और कौन गलत1.हिन्दु धर्म=हिंदू धर्म में #चंद्रग्रहण के पीछे राहु केतु होते हैं। जो अपने ताकत से इसको ढक देते हैं। जिससे अंधेरा हो जाता है।जिसमे कई पौराणिक कथाओं  का उल्लेख है। और इसके प्रकोप से बचने के लिये बड़े स्तर पर दान पुण्य किया जाता है । ताकि इसका असर कम कर सके । मेने जब यूट्यूब खोल कर यह वीडियो देखा तो इतना अलग अलग धर्मो के बारे में बता रखा कि आदमी देखे तो उनके बहकावे में जरूर आ जायेंगे2.इस्लाम धर्म=पहला, चंद्र और सूर्य ग्रहण अल्लाह तआला की ताकत और कुदरत को दिखाता है। दूसरा, हज़रत मोहम्मद के साथी हजरत अबु बक्र का कहना था कि, सूरज या चांद पर ग्रहण लगने से लोग डर जाते हैं। जिसके बाद मुस्लिम लोग अल्लाह से उसके रहम की पुकार लगते हैं। तीसरा, हजरत अबु मूसा का कहना था कि ग्रहण कयामत के दिन की याद दिला देता है।3.चीनी लोगो में मान्यता है कि स्वर्ग का कुत्ता है वो सूर्ये को निगल जाता है4.पश्चिम एशिया में  मान्यता है ड्रेगन सूर्ये को छुपा लेता है इसलिये लोग ढोल बजाते हैं और फिर ग्रहण खत्म हो जाता है। होगा ही खत्म जब घण्टा भर बजाओगे तो अपने आप ही हो जाएगाऐसे ही कहानी किस्से हर धर्म मे आपको मिलेंगे लगभग?अब बात विज्ञान की जो सार्वभौमिक सत्य है3.विज्ञान= वेसे समझने वाले विडिओ के माध्यम से भी समझ सकते हैं कि यह सब ग्रहों की गति के कारण होता है जैसे सूर्ये के चारो ओर यह धरती चक्र लगाती है जिस पर हम निवास करते हैं ।यह एक साल में यानी  365 दिन में  सूर्ये का एक चक्र पूरा करती है और खुद लगभग 24 घटे  में अपनी धुरी पर घूमती है जिससे दिन और रात होते हैं। अब जो चाँद है वो हमारी पृथ्वी के चारो ओर चक्र लगाता है उसका चक्र औसत लगभग 29  दिन में पूरा करता है । जब यह तीनों सूर्ये चांद और पृथ्वी घुमते घुमते एक दूसरे के सामने आ जाते हैं तो हमे चाँद या सूर्ये का कुछ भाग दिखना बन्द हो जाता है यह ठीक वैसा ही है जैसा आप किसी जलते हुवे बल्ब के आगे हाथ लाते हो तो सामने वाले भाग में अंधेरा हो जाता है। ग्रहण होने का समय निश्चित होता है यह कई देशों में दिखाई देता है तो कही नही । एक साल मे भी  ग्रहण होने जितने होकर ही रहेंगे जब से यह धरती बनी है और चांद सूरज बने है। पर बात यह आती है कि मैने आपको यह बात क्यो बताई  कई लोग बोल रहे थे कि यह तो 5 वी क्लास के बच्चे को पता है । में भी चाहता हु उसको पता चले क्यो न चले पर बात यह भी है कि फिर उस धर्म का क्या जिसका सहारा लेकर इसके गुण दोष बताये जाते हैं जबकि ऐसा तो है नही की दान पुण्य करने से ग्रहण होना बंद हो जाएगा । या रुक जाएगा तो फिर यह कर्मकांड क्यो?।।उमीद है आगे से आप भी इसको प्रकृति की एक  घटना समझोगे और डर  से बचोगे उमीद है आप समझ पाए होंगेनोट= खुली आँखों से नही देखे । एक्सरे वाले काले प्लास्टिक से देखकर आनंद ले सकते हैं शुक्रिया

NSA पर एक वर्ग का कब्जा


अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार *NSA पद का गठन किया। अटल जी ने भारत का पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अपने मित्र ब्रजेश मिश्र को बनाया !*

*1998 से लेकर आज तक जितने भी NSA हुए सब के सब एक द्विज (ब्राह्मण) जाति से हैं !*

*1. ब्रजेश मिश्र IFS (ब्राह्मण) - 1998 से 2004 तक.*
*2. जेएन दीक्षित IFS (ब्राह्मण) - 2004 से 2005 तक.*
*3. एमके नारायणन IPS (ब्राह्मण) - 2005 से 2010 तक.*
*4. शिवशंकर मेनन IFS (ब्राह्मण) - 2010 से 2014 तक.*
*5. अजित डोभाल IPS (ब्राह्मण) - 2014 से अब तक हैं.*

NSA का काम आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरा और अवसरों के बारे में प्रधानमंत्री से परामर्श कर युद्ध नीति और रक्षा रणनीति तैयार करना। 
*#NSA_को #RAW #IB #NIA_जैसी_एजेंसीयां_हर_तरह_की_खुफिया_जानकारी_देने_के_लिए_बाध्य_है।*

*अब सवाल आता है क्या देश में अन्य जातियों के IFS IPS नही हैं, सिर्फ एक जाति को NSA पद क्यों आवंटित किया जाता है।* ब्राह्मण जाति का प्रदर्शन बेहद खराब है। *इनकी कार्य शैली कुशलता संदिग्ध है।*
पाकिस्तान नेपाल भूटान हर देश भारत को आंखें दिखा रहा है।
*#वर्तमान_में_मोदी_जी_के_व्यक्तिगत_मित्र_शी_जिनपिंग_के_आदेश_पर_चीन_की_आर्मी_ने_साज़िश_के_तहत_भारत_के_20 #जवानों_का_मार_दिया जो #बेहद_गरीब_घर_से_थे !*

बात है 2001 कि जब आप मे से बहुत से युवा चट्टी पहन कर खेला कूदा करते थे तब #मैं_क्रांति_कुमार कॉलेज में पढ़ता था तब *बांग्लादेश की सेना कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर भारत सीमा पर भारतीय गांव को को अपना हिस्सा बताकर खाली कराने लगी। भारतीय ग्रामीणों को मारा पीटा गया, ऐसा कुछ और गांव के साथ किया गया !*

भारतीय सेना को दखल देना पड़ा, *एक छोटी टीम बातचीत के इरादे से बांग्लादेश की सेना से मिलने गई, लेकिन बांग्लादेश की सेना और बांग्लादेशी घुसपैठियों ने घेर कर भारत के 16 वीर जवानों तड़पा तड़पा कर मार डाला!!!*

*#जनरल_गुरबचन_जगत* का #आधिकारिक_बयान है *#16_जवानों_को_बहुत_यातना_देकर_मारा_गया।*
सभी जवानों के *#आंतरिक_अंगों_को_विकृत_किया_गया_था।* *#गला_घोंटने_के_निशान, #हड्डी_टूटी_हुई_थी, सभी #जवानों_को_घायल_करने_के_बाद_गर्म_पानी_फेंक_कर_जलाया_गया_था।* मैं आज तक इस अमानवीय घटना को भूल नही पाया,
*#क्या_भारतीय_सेना_भूल_पाई_होगी !*

#बंदूक_थी_गोली_मार_देते... #इतना_तड़पा_तड़पा_कर_मारने_की_क्या_जरुरत_थी।  *#सेना_जवाबी_हमला_कर_मामला_बराबरी_पर_लाना_चाहती_थी लेकिन #NSA_बृजेश_मिश्र_के_सलाह_पर_वाजपेयी_सरकार ने #सिर्फ_टेलीफोन_पर_बांग्लादेश_की_प्रधानमंत्री_शेख_हसीना_से_बातचीत_की !*

शनिवार, 20 जून 2020

Clear today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 104F and Sunny outside.

Current wind speeds: 14 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 20, 2020 at 05:43AM

Sunset: June 20, 2020 at 07:34PM

UV index: 5

Humidity: 30%

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June 20, 2020 at 04:00PM

सामान्य ज्ञान


1)  +   =  जोड़

2)  --  =  घटाव

3)  ×  =  गुणा

4)  ÷   =  भाग

5)  %  =  प्रतिशत

6)  ∵   =    चूंकि

7)  ∴  =  इसलिए

8)  ∆   =  त्रिभुज

9)  Ω  =  ओम

10)  ∞  =  अनंत

11)  π  =  पाई

12)  ω  =  ओमेगा

13)   °  =  अंश

14)  ⊥  =  लंब

15)  θ  =  थीटा

16)  Φ  =  फाई

17)  β  =  बीटा

18)  =  =  बराबर

19)  ≠  =  बराबर नहीं है

20)  √  =  वर्गमूल

21)  ?  =  प्रश्न वाचक

22)  α  =  अल्फा

23)  ∥  =  समांतर

24)  ~  =  समरुप है

25)  :   =  अनुपात

26)  : :  =  समानुपात

27)  ^  =  और

28)  !  =  फैक्टोरियल

29)  f  =  फलन

30)  @  =  की दर से

31)  ;  =  जैसा कि

32)  /  =  प्रति

33)  (    )  =  छोटा कोष्टक

34)  {    }  =  मझला कोष्टक

35)  [     ]  =  बड़ा कोष्टक

36)  >  =  से बड़ा

37)  <  =  से छोटा

38)  ≈  =   लगभग

39)  ³√  =  घनमूल

40)  τ  =  ताऊ

41)  ≌  =  सर्वागसम

42)  ∀  =  सभी के लिए

43)  ∃  =  अस्तित्व मे है

44)  ∄  =  अस्तित्व मे नहीं है

45)  ∠  =  कोण

46)  ∑   =  सिग्मा

47)  Ψ  =  साई

48)  δ  =  डेल्टा

49)  λ  =  लैम्डा

50)  ∦  =  समांतर नहीं है

51)  ≁  =  समरूप नहीं हैं

52)  d/dx   =  अवकलन

53)  ∩  =  समुच्चयों का सर्वनिष्ठ

54)  ∪  =  समुच्चयो का सम्मिलन

55)  iff  =  केवल और केवल यदि

56)  ∈   =  सदस्य है!

57)  ∉  =  सदस्य नहीं हैं

58)  def  =  परिभाषा

59)  μ  =  म्यूं

60)  ∫  =  समाकल

61)  ⊂  =   उपसमुच्चय है

62)  ⇒  =  संकेत करता है

63)  I    l  =  मापांक

64)  '  =  मिनट

65)  "  =  सेकंड

*महत्वपूर्ण फॉर्मूले एवं जानकारियां*

👇👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👇

1.आक्सीजन—O₂
2. नाइट्रोजन—N₂
3. हाइड्रोजन—H₂
4. कार्बन डाइऑक्साइड—CO₂
5. कार्बन मोनोआक्साइड—CO
6. सल्फर डाइऑक्साइड—SO₂
7. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड—NO₂
8. नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड (नाइट्रिक ऑक्साइड) — NO
9. डाईनाइट्रोजन ऑक्साइड (नाइट्रस ऑक्साइड) — N₂O
10. क्लोरीन — Cl₂
11. हाइड्रोजन क्लोराइड—HCl
12. अमोनिया — NH₃
अम्ल
13. हाइड्रोक्लोरिक एसिड — HCl
14. सल्फ्यूरिक एसिड — H₂SO₄
15. नाइट्रिक एसिड — HNO₃
16. फॉस्फोरिक एसिड — H₃PO₄
17. कार्बोनिक एसिड — H₂CO₃
क्षार
18. सोडियम हाइड्राक्साइड—NaOH
19. पोटेशियम हाइड्राक्साइड—KOH
20. कैल्शियम हाइड्राक्साइड—Ca(OH)₂
लवण
21. सोडियम क्लोराइड—NaCl
22. कार्बोनेट सोडियम—Na₂CO₃
23. कैल्शियम कार्बोनेट — CaCO₃
24. कैल्शियम सल्फेट — CaSO₄
25. अमोनियम सल्फेट — (NH₄)₂SO₄
26. नाइट्रेट पोटेशियम—KNO₃
आम रसायनों के व्यावसायिक एवं रासायनिक नाम
व्यावसायिक नाम — IAPUC नाम — अणु सूत्र
27. चाक — कैल्सियम कार्बोनेट — CaCO₃
28. अंगूर का सत — ग्लूकोज — C6H₁₂O6
एल्कोहल — एथिल 29. एल्कोहल — C₂H5OH
30. कास्टिक पोटाश — पोटेशियम हाईड्राक्साईड — KOH
31. खाने का सोडा — सोडियम बाईकार्बोनेट — NaHCO₃
32. चूना — कैल्सियम आक्साईड — CaO
33. जिप्सम — कैल्सियम सल्फेट — CaSO₄.2H₂O
34. टी.एन.टी. — ट्राई नाईट्रो टालीन — C6H₂CH₃(NO₂)₃
35. धोने का सोडा — सोडियम कार्बोनेट — Na₂CO₃
36. नीला थोथा — कॉपर सल्फेट — CuSO₄
37. नौसादर — अमोनियम क्लोराईड — NH₄Cl
38. फिटकरी — पोटैसियम एलुमिनियम सल्फेट — K₂SO₄Al₂(SO₄)₃.24H₂O
39. बुझा चूना — कैल्सियम हाईड्राक्साईड — Ca(OH)₂
40. मंड — स्टार्च — C6H10O5
41. लाफिंग गैस — नाइट्रस आक्साईड — N₂O
42. लाल दवा — पोटैसियम परमैगनेट — KMnO₄
43. लाल सिंदूर — लैड परआक्साईड — Pb₃O₄
44. शुष्क बर्फ — ठोस कार्बन-डाई-आक्साईड — CO₂
45. शोरा — पोटैसियम नाइट्रेट — KNO₃
46. सिरका — एसिटिक एसिड का तनु घोल — CH₃COOH
47. सुहागा — बोरेक्स — Na₂B₄O7.10H₂O
48. स्प्रिट — मैथिल एल्कोहल — CH₃OH
49. स्लेट — सिलिका एलुमिनियम आक्साईड — Al₂O₃2SiO₂.2H₂O
50.हरा कसीस — फैरिक सल्फेट — Fe₂(SO₄)

  *[फल/फुल/सब्जी आदि का वैज्ञानिक नाम]*

1.मनुष्य---होमो सैपियंस
2.मेढक---राना टिग्रिना
3.बिल्ली---फेलिस डोमेस्टिका
4.कुत्ता---कैनिस फैमिलियर्स
5.गाय---बॉस इंडिकस
6.भैँस---बुबालस बुबालिस
7.बैल---बॉस प्रिमिजिनियस टारस
8.बकरी---केप्टा हिटमस
9.भेँड़---ओवीज अराइज
10.सुअर---सुसस्फ्रोका डोमेस्टिका
11.शेर---पैँथरा लियो
12.बाघ---पैँथरा टाइग्रिस
13.चीता---पैँथरा पार्डुस
14.भालू---उर्सुस मैटिटिमस कार्नीवेरा
15.खरगोश---ऑरिक्टोलेगस कुनिकुलस
16.हिरण---सर्वस एलाफस
17.ऊँट---कैमेलस डोमेडेरियस
18.लोमडी---कैनीडे
19.लंगुर---होमिनोडिया
20.बारहसिँघा---रुसर्वस डूवासेली
21.मक्खी---मस्का डोमेस्टिका
22.आम---मैग्नीफेरा इंडिका
23.धान---औरिजया सैटिवाट
24.गेहूँ---ट्रिक्टिकम एस्टिवियम
25.मटर---पिसम सेटिवियम
26.सरसोँ---ब्रेसिका कम्पेस्टरीज
27.मोर---पावो क्रिस्टेसस
28.हाथी---एफिलास इंडिका
29.डॉल्फिन---प्लाटेनिस्टा गैँकेटिका
30.कमल---नेलंबो न्यूसिफेरा गार्टन
31.बरगद---फाइकस बेँधालेँसिस
32.घोड़ा---ईक्वस कैबेलस
33.गन्ना---सुगरेन्स औफिसीनेरम
34.प्याज---ऑलियम सिपिया
35.कपास---गैसीपीयम
36.मुंगफली---एरैकिस 
37.कॉफी---कॉफिया अरेबिका
38.चाय---थिया साइनेनिसस
39.अंगुर---विटियस
40.हल्दी---कुरकुमा लोँगा
41.मक्का---जिया मेज
42.टमाटर---लाइकोप्रेसिकन एस्कुलेँटम
43.नारियल---कोको न्यूसीफेरा
44.सेब---मेलस प्यूमिया/डोमेस्टिका
45.नाशपाती---पाइरस क्यूमिनिस
46.केसर---क्रोकस सैटिवियस
47.काजू---एनाकार्डियम अरोमैटिकम
48.गाजर---डाकस कैरोटा
49.अदरक---जिँजिबर ऑफिसिनेल
50.फुलगोभी---ब्रासिका औलिरेशिया
51.लहसून---एलियम सेराइवन
52.बाँस---बेँबुसा स्पे
53.बाजरा---पेनिसिटम अमेरीकोनम
54.लालमिर्च---कैप्सियम एनुअम
55.कालीमिर्च---पाइपर नाइग्रम
56बादाम---प्रुनस अरमेनिका 
57.इलायची---इलिटेरिया कोर्डेमोमम
58.केला---म्यूजा पेराडिसिएका
59.मुली---रेफेनस  

तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं
Ans : - -ऊर्जा
2.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है?
Ans : - किरीट
3.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया 

Ans : - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल
4.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है?
Ans : - कवकों द्वारा
5.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?
Ans : - जे. एल. बेयर्ड
6.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं?
Ans : - एपिथीलियम ऊतक
7.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया?
Ans : - कुत्ता
8.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया?
Ans : - डेवी
9: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है?
Ans : - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण
10.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है।
Ans : - मिथेन
11.: - निम्न में से कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊतकों की वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है?
Ans : - पनीर
12.: - निम्न में से कौन एक उड़ने वाली छिपकली है?
Ans : - ड्रेको
13.: - अंगूर में कौन-सा अम्ल पाया जाता है?
Ans : - टार्टरिक अम्ल
14.: - कैंसर सम्बन्धी रोगों का अध्ययन कहलाता है
Ans : - oncology
15.: - घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप कौन-सा है?
Ans : - किंग कोबरा
16.: - भारत में पायी जाने वाली सबसे बड़ी मछली कौन-सी है?
Ans : - ह्वेल शार्क
17.: - दालें किसका एक अच्छा स्रोत होती हैं?
Ans : - प्रोटीन
18.: - देशी घी में से सुगन्ध क्यों आती है?
Ans : - डाइएसिटिल के कारण
19.: - इन्द्रधनुष में किस रंग का विक्षेपण अधिक होता है?
Ans : - लाल रंग
20.: - सूर्य की किरण में कितने रंग होते हैं?
Ans : - 7
21.: - ‘टाइपराइटर’ (टंकण मशीन) के आविष्कारक कौन हैं?
Ans : - शोल्स
22.: - सिरका को लैटिन भाषा में क्या कहा जाता है।
Ans : - ऐसीटम
23.: - दूध की शुद्धता का मापन किस यन्त्र से किया जाता है?
Ans : - लैक्टोमीटर
24.: - पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु तत्त्व कौन-सा है?
Ans : - ऐलुमिनियम
25.: - मोती मुख्य रूप से किस पदार्थ का बना होता है?
Ans : - कैल्सियम कार्बोनेट
26.: - मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्व पाया जाता है?
Ans : - ऑक्सीजन
27.: - आम का वानस्पतिक नाम क्या है?
Ans : - मेंगीफ़ेरा इण्डिका
28.: - कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है
Ans : - -जड़ों से
29.: - ‘विटामिन-सी’ का सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है?
Ans : - आंवला
30.: - सबसे अधिक तीव्रता की ध्वनि कौन उत्पन्न करता है?
Ans : - बाघ
31.: - मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी होती है?
Ans : - तंत्रिका कोशिका
32.: - दाँत मुख्य रूप से किस पदार्थ के बने होते हैं?
Ans : - डेंटाइन के
33.: - किस जंतु की आकृति पैर की चप्पल के समान होती है?
Ans : - पैरामीशियम
34.: - निम्न में से किस पदार्थ में प्रोटीन नहीं पाया जाता है?
Ans : - चावल
35.: - मानव का मस्तिष्क लगभग कितने ग्राम का होता है?
Ans : - 1350
36.: - रक्त में पायी जाने वाली धातु है
Ans : - -लोहा
37.: - मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है?
Ans : - लैक्टिक अम्ल
38.: - किण्वन का उदाहरण है
Ans : - -दूध का खट्टा होना,खाने की ब्रेड का बनना,गीले आटे का खट्टा होना
39.: - केंचुए की कितनी आँखें होती हैं?
Ans : - एक भी नहीं
40.: - गाजर किस विटामिन का समृद्ध स्रोत है?
Ans : - विटामिन A

 *भौतिक राशि Physical quantities अन्य भौतिक राशियों से संबंध* 

1. क्षेत्रफल Area लंबाई × चौड़ाई

2. आयतन Volume लंबाई× चौड़ाई×ऊंचाई

3. द्रव्यमान घनत्व Density द्रव्यमान/आय
4. आवृत्ति Frequency 1/आवर्तकाल

5. वेग Velocity विस्थापन/समय

6. चाल Speed दूरी/समय

7. त्वरण Acceleration वेग/समय

8. बल Force द्रव्यमान × त्वरण

9. आवेग Impulse बल × समय

10. कार्य Work बल × दूरी

11. ऊर्जा Energy बल × दूरी

12. शक्ति Power कार्य/समय

13. संवेग Momentum द्रव्यमान × वेग

14. दाब Pressure बल/क्षेत्रफल

15. प्रतिबल Stress बल/क्षेत्रफल

16. विकृति Strain विमा में परिवर्तन/मूल विमा

17. प्रत्यास्थता गुणांक Coefficient of elasticity प्रतिबल/विकृति

18. पृष्ठ तनाव Surface tension बल/लंबाई

19. पृष्ठ ऊर्जा Surface energy ऊर्जा/क्षेत्रफल

20. वेग प्रवणता Velocity gradient वेग/दूरी

21. दाब प्रवणता Pressure gradient दाब/दूरी

22. श्यानता गुणांक Coefficient of viscosity बल/(क्षेत्रफल× वेग प्रवणता)

23. कोण Angel चाप/त्रिज्या

24. त्रिकोणमितीय अनुपात Trigonometric ratio लंबाई/लंबाई

25. कोणीय वेग Angular velocity कोण/समय

26. कोणीय त्वरण Angular acelleration कोणीय वेग/समय

27. कोणीय संवेग Angular momentum जड़त्व आघूर्ण × कोणीय वेग

28. जड़त्व आघूर्ण Moment of inertia द्रव्यमान× (परिभ्रमण त्रिज्या)2

29. बल आघूर्ण Torque बल × दूरी

30. कोणीय आवृत्ति Angular frequency 2π × आवृत्ति

31. गुरुत्वीय सार्वत्रिक नियतांक Universal constant of gravity बल× (दूरी)2/(द्रव्यमान)2

32. प्लांक नियतांक Plank’s constant ऊर्जा/आवृत्ति

33. विशिष्ट उष्मा Specific heat उष्मीय ऊर्जा/(द्रव्यमान× ताप)

34. उष्मा धारिता Heat capacity ऊष्मीय ऊर्जा/ताप

35. बोल्टजमान नियतांक Boltzmann’s constant ऊर्जा/ताप

36. स्टीफन नियतांक Stefan’s constant (ऊर्जा/क्षेत्रफल× समय)/(ताप)4

37. गैस नियतांक Gas constant (दाब× आयतन)/(मोल× ताप )

38. आवेश Charge विद्युत धारा × समय

39. विभवातंर Potential difference कार्य/आवेश

40. प्रतिरोध Resistance विभवांतर/विद्युत धारा

41. धारिता Capacity आवेश/विभवांतर

42. विद्युत क्षेत्र Electric field वैद्युत बल/आवेश

43. चुम्बकीय क्षेत्र Magnetic field बल/(विद्युत धारा× लंबाई)

44. चुम्बकीय फ्लक्स Magnetic flux चुम्बकीय क्षेत्र × लंबाई

45. प्रेरकत्व Inductance चुम्बकीय फ्लक्स/विद्युत धारा

46. वीन नियतांक Wein’s constant तरंगदैर्ध्य ×ताप

47. चालकता Conductivity 1/प्रतिरोध

48. एंट्रॅापी Entropy ऊष्मीय ऊर्जा / ताप

49. गुप्त उष्मा Latent heat उष्मीय ऊर्जा / द्रव्यमान

50. तापीय प्रसार गुणांक Coefficient of thermal expansion विमा में परिवर्तन / (मूल विमा × ताप )

nbsp51. आयतन प्रत्यास्थता गुणांक Bulk modulus ( आयतन × दाब में परिवर्तन )/आयतन में परिवर्तन

52. वैद्युत प्रतिरोधकता Electric resistance ( प्रतिरोध × क्षेत्रफल )/ लंबाई

53. वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण Electric dipole moment बल आघूर्ण / विद्युत क्षेत्र

54. चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण Magnetic dipole moment बल आघूर्ण / चुम्बकीय क्षेत्र

55. चुम्बकीय क्षेत्र प्रबलता चुम्बकीय आघूर्ण / आयतन

56. अपवर्तनांक Refractive index निर्वात में प्रकाश की चाल/माध्यम में प्रकाश की चाल

57. तरंग संख्या Wave number 2π / तरंगदैर्ध्य

58. विकिरण शक्ति Radiant power उत्सर्जित ऊर्जा / समय

59. विकिरण तीव्रता Radiant intensity विकिरण शक्ति / घन कोण

60. हबल नियतांक Hubble constant पश्च सरण चाल /दूरी

 जीव विज्ञान के प्रश्न- 

1.: - मांसपेशियों में किस अम्ल के एकत्रित होने से थकावट आती है?
Ans : - लैक्टिक अम्ल
2.: - अंगूर में कौन-सा अम्ल पाया जाता है?
Ans : - टार्टरिक अम्ल
3.: - कैंसर सम्बन्धी रोगों का अध्ययन कहलाता है
Ans : - -ऑरगेनोलॉजी
4.: - मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी होती है?
Ans : - तंत्रिका कोशिका
5.: - दाँत मुख्य रूप से किस पदार्थ के बने होते हैं?
Ans : - डेंटाइन के
6.: - किस जंतु की आकृति पैर की चप्पल के समान होती है?
Ans : - पैरामीशियम
7.: - केंचुए की कितनी आँखें होती हैं?
Ans : - एक भी नहीं
8.: - गाजर किस विटामिन का समृद्ध स्रोत है?
Ans : - विटामिन A
9.: - निम्न में से किस पदार्थ में प्रोटीन नहीं पाया जाता है?
Ans : - चावल
10.: - मानव का मस्तिष्क लगभग कितने ग्राम का होता है?
Ans : - 1350
11.: - रक्त में पायी जाने वाली धातु है
Ans : - -लोहा
12.: - किण्वन का उदाहरण है
Ans : - -दूध का खट्टा होना,खाने की ब्रेड का बनना,गीले आटे का खट्टा होना
13.: - निम्न में से कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊतकों की वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है?
Ans : - पनीर
14.: - निम्न में से कौन एक उड़ने वाली छिपकली है?
Ans : - ड्रेको
15.: - घोंसला बनाने वाला एकमात्र साँप कौन-सा है?
Ans : - किंग कोबरा
16.: - भारत में पायी जाने वाली सबसे बड़ी मछली कौन-सी है?
Ans : - ह्वेल शार्क
17.: - दालें किसका एक अच्छा स्रोत होती हैं?
Ans : - प्रोटीन
18.: - देशी घी में से सुगन्ध क्यों आती है?
Ans : - डाइएसिटिल के कारण
19.: - इन्द्रधनुष में किस रंग का विक्षेपण अधिक होता है?
Ans : - लाल रंग
20.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?
Ans : - जे. एल. बेयर्ड
21: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है?
Ans : - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण
22.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है।
Ans : - मिथेन
23.: - दूध की शुद्धता का मापन किस यन्त्र से किया जाता है?
Ans : - लैक्टोमीटर
24.: - पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु तत्त्व कौन-सा है?
Ans : - ऐलुमिनियम
25.: - मोती मुख्य रूप से किस पदार्थ का बना होता है?
Ans : - कैल्सियम कार्बोनेट
26.: - मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा तत्व पाया जाता है?
Ans : - ऑक्सीजन
27.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं?
Ans : - एपिथीलियम ऊतक
28.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया?
Ans : - कुत्ता
29.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया?
Ans : - डेवी
30.: - सबसे अधिक तीव्रता की ध्वनि कौन उत्पन्न करता है?
Ans : - बाघ
31.: - जब ध्वनि तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं
Ans : - -ऊर्जा
32.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है?
Ans : - किरीट
33.: - सूर्य की किरण में कितने रंग होते हैं?
Ans : - 7
34.: - ‘टाइपराइटर’ (टंकण मशीन) के आविष्कारक कौन हैं?
Ans : - शोल्स
35.: - सिरका को लैटिन भाषा में क्या कहा जाता है।
Ans : - ऐसीटम
36.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया जाता है
Ans : - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल
37.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है?
Ans : - कवकों द्वारा
38.: - आम का वानस्पतिक नाम क्या है?
Ans : - मेंगीफ़ेरा इण्डिका
39.: - कॉफी पाउडर के साथ मिलाया जाने वाला ‘चिकोरी चूर्ण’ प्राप्त होता है
Ans : - -जड़ों से
40.: - ‘विटामिन-सी’ का सबसे अच्छा स्त्रोत क्या है?
Ans : - आंवला
  ☄भारतीय संविधान - प्रश्नोत्तर☄

प्रश्‍न 1- भारतीय संविधान सभा की प्रथम बैठक कब हुई । 
उत्‍तर - 9 दिसम्‍बर 1946 । 
प्रश्‍न 2- स‍ंविधान सभा का स्‍थाई अध्‍यक्ष कौन था । 
उत्‍तर - डॉ. राजेंन्‍द्र प्रसाद । 
प्रश्‍न 3- संविधान सभा का अस्‍थाई अध्‍यक्ष कौन था । 
उत्‍तर - डॉ. सच्चिदानंद सिन्‍हा । 
प्रश्‍न 4- संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्‍यक्ष कौन थे । 
उत्‍तर - डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर । 
प्रश्‍न 5- संविधान सभा का औपचारिक रूप से प्रतिपादन किसने किया । 
उत्‍तर - एम. एन. राय । 
प्रश्‍न 6- भारत में संविधान सभा गठित करने का आधार क्‍या था । 
उत्‍तर - कैबिनेट मिशन योजना (1946) । 
प्रश्‍न 7- संविधान के गठन की मांग सर्वप्रथम 1895 में किस व्‍यक्ति ने की । 
उत्‍तर - बाल गंगाधर तिलक । 
प्रश्‍न 8- संविधान सभा में देशी रियासतों के कितने प्रतिनिधि थे । 
उत्‍तर - 70 । 
प्रश्‍न 9- संविधान सभा में किस देशी रियासत के प्रतिनिधि ने भाग नही लिया । 
उत्‍तर - हैदराबाद । 
प्रश्‍न 10- बी. आर. अम्‍बेडकर कहॉं के संविधान सभा में निर्वाचित हुए । 
उत्‍तर - बंगाल से । 
प्रश्‍न 11- संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार किसे नियुक्‍त किया गया था । 
उत्‍तर - बी. एन. राव । 
प्रश्‍न 12- संविधान सभा की प्रारूप समिति का गठन कब हुआ । 
उत्‍तर - 29 अगस्‍त 1947 । 
प्रश्‍न 13- संविधान की प्रारूप समिति के समक्ष प्रस्‍तावना का प्रस्‍ताव किसने रखा । 
उत्‍तर - जवाहर लाल नेहरू । 
प्रश्‍न 14- संविधान सभा की रचना हेतु संविधान का विचार सर्वप्रथम किसने प्रस्‍तुत किया । 
उत्‍तर - स्‍वराज पार्टी ने 1924 में । 
प्रश्‍न 15- संविधान सभा में भारत के संविधान को कब स्‍वीकृत किया । 
उत्‍तर - 26 नवम्‍बर 1946 । 
प्रश्‍न 16- संविधान को बनाने में कितना समय लगा । 
उत्‍तर - 2 वर्ष 11 माह 18 दिन । 
प्रश्‍न 17- स‍ंविधान में कितने अनुच्‍छेद है। 
उत्‍तर - 444 । 
प्रश्‍न 18- संविधान में कितने अध्‍याय है। 
उत्‍तर - 22 । 
प्रश्‍न 19- भारतीय सभा में कितनी अनुसूचियॉ है। 
उत्‍तर - 12 । 
प्रश्‍न 20- संविधान सभा का चुनाव किस आधार पर हुआ । 
उत्‍तर - वर्गीय मताधिकार पर ।*महत्वपूर्ण फॉर्मूले एवं जानकारियां*

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1.आक्सीजन—O₂
2. नाइट्रोजन—N₂
3. हाइड्रोजन—H₂
4. कार्बन डाइऑक्साइड—CO₂
5. कार्बन मोनोआक्साइड—CO
6. सल्फर डाइऑक्साइड—SO₂
7. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड—NO₂
8. नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड (नाइट्रिक ऑक्साइड) — NO
9. डाईनाइट्रोजन ऑक्साइड (नाइट्रस ऑक्साइड) — N₂O
10. क्लोरीन — Cl₂
11. हाइड्रोजन क्लोराइड—HCl
12. अमोनिया — NH₃
अम्ल
13. हाइड्रोक्लोरिक एसिड — HCl
14. सल्फ्यूरिक एसिड — H₂SO₄
15. नाइट्रिक एसिड — HNO₃
16. फॉस्फोरिक एसिड — H₃PO₄
17. कार्बोनिक एसिड — H₂CO₃
क्षार
18. सोडियम हाइड्राक्साइड—NaOH
19. पोटेशियम हाइड्राक्साइड—KOH
20. कैल्शियम हाइड्राक्साइड—Ca(OH)₂
लवण
21. सोडियम क्लोराइड—NaCl
22. कार्बोनेट सोडियम—Na₂CO₃
23. कैल्शियम कार्बोनेट — CaCO₃
24. कैल्शियम सल्फेट — CaSO₄
25. अमोनियम सल्फेट — (NH₄)₂SO₄
26. नाइट्रेट पोटेशियम—KNO₃
आम रसायनों के व्यावसायिक एवं रासायनिक नाम
व्यावसायिक नाम — IAPUC नाम — अणु सूत्र
27. चाक — कैल्सियम कार्बोनेट — CaCO₃
28. अंगूर का सत — ग्लूकोज — C6H₁₂O6
एल्कोहल — एथिल 29. एल्कोहल — C₂H5OH
30. कास्टिक पोटाश — पोटेशियम हाईड्राक्साईड — KOH
31. खाने का सोडा — सोडियम बाईकार्बोनेट — NaHCO₃
32. चूना — कैल्सियम आक्साईड — CaO
33. जिप्सम — कैल्सियम सल्फेट — CaSO₄.2H₂O
34. टी.एन.टी. — ट्राई नाईट्रो टालीन — C6H₂CH₃(NO₂)₃
35. धोने का सोडा — सोडियम कार्बोनेट — Na₂CO₃
36. नीला थोथा — कॉपर सल्फेट — CuSO₄
37. नौसादर — अमोनियम क्लोराईड — NH₄Cl
38. फिटकरी — पोटैसियम एलुमिनियम सल्फेट — K₂SO₄Al₂(SO₄)₃.24H₂O
39. बुझा चूना — कैल्सियम हाईड्राक्साईड — Ca(OH)₂
40. मंड — स्टार्च — C6H10O5
41. लाफिंग गैस — नाइट्रस आक्साईड — N₂O
42. लाल दवा — पोटैसियम परमैगनेट — KMnO₄
43. लाल सिंदूर — लैड परआक्साईड — Pb₃O₄
44. शुष्क बर्फ — ठोस कार्बन-डाई-आक्साईड — CO₂
45. शोरा — पोटैसियम नाइट्रेट — KNO₃
46. सिरका — एसिटिक एसिड का तनु घोल — CH₃COOH
47. सुहागा — बोरेक्स — Na₂B₄O7.10H₂O
48. स्प्रिट — मैथिल एल्कोहल — CH₃OH
49. स्लेट — सिलिका एलुमिनियम आक्साईड — Al₂O₃2SiO₂.2H₂O
50.हरा कसीस — फैरिक सल्फेट — Fe₂(SO₄)

 *[फल/फुल/सब्जी आदि का वैज्ञानिक नाम]*

1.मनुष्य---होमो सैपियंस
2.मेढक---राना टिग्रिना
3.बिल्ली---फेलिस डोमेस्टिका
4.कुत्ता---कैनिस फैमिलियर्स
5.गाय---बॉस इंडिकस
6.भैँस---बुबालस बुबालिस
7.बैल---बॉस प्रिमिजिनियस टारस
8.बकरी---केप्टा हिटमस
9.भेँड़---ओवीज अराइज
10.सुअर---सुसस्फ्रोका डोमेस्टिका
11.शेर---पैँथरा लियो
12.बाघ---पैँथरा टाइग्रिस
13.चीता---पैँथरा पार्डुस
14.भालू---उर्सुस मैटिटिमस कार्नीवेरा
15.खरगोश---ऑरिक्टोलेगस कुनिकुलस
16.हिरण---सर्वस एलाफस
17.ऊँट---कैमेलस डोमेडेरियस
18.लोमडी---कैनीडे
19.लंगुर---होमिनोडिया
20.बारहसिँघा---रुसर्वस डूवासेली
21.मक्खी---मस्का डोमेस्टिका
22.आम---मैग्नीफेरा इंडिका
23.धान---औरिजया सैटिवाट
24.गेहूँ---ट्रिक्टिकम एस्टिवियम
25.मटर---पिसम सेटिवियम
26.सरसोँ---ब्रेसिका कम्पेस्टरीज
27.मोर---पावो क्रिस्टेसस
28.हाथी---एफिलास इंडिका
29.डॉल्फिन---प्लाटेनिस्टा गैँकेटिका
30.कमल---नेलंबो न्यूसिफेरा गार्टन
31.बरगद---फाइकस बेँधालेँसिस
32.घोड़ा---ईक्वस कैबेलस
33.गन्ना---सुगरेन्स औफिसीनेरम
34.प्याज---ऑलियम सिपिया
35.कपास---गैसीपीयम
36.मुंगफली---एरैकिस 
37.कॉफी---कॉफिया अरेबिका
38.चाय---थिया साइनेनिसस
39.अंगुर---विटियस
40.हल्दी---कुरकुमा लोँगा
41.मक्का---जिया मेज
42.टमाटर---लाइकोप्रेसिकन एस्कुलेँटम
43.नारियल---कोको न्यूसीफेरा
44.सेब---मेलस प्यूमिया/डोमेस्टिका
45.नाशपाती---पाइरस क्यूमिनिस
46.केसर---क्रोकस सैटिवियस
47.काजू---एनाकार्डियम अरोमैटिकम
48.गाजर---डाकस कैरोटा
49.अदरक---जिँजिबर ऑफिसिनेल
50.फुलगोभी---ब्रासिका औलिरेशिया
51.लहसून---एलियम सेराइवन
52.बाँस---बेँबुसा स्पे
53.बाजरा---पेनिसिटम अमेरीकोनम
54.लालमिर्च---कैप्सियम एनुअम
55.कालीमिर्च---पाइपर नाइग्रम
56बादाम---प्रुनस अरमेनिका 
57.इलायची---इलिटेरिया कोर्डेमोमम
58.केला---म्यूजा पेराडिसिएका
59.मुली---रेफेनस  

तरंग चलती हैं, तो वे अपने साथ ले जाती हैं
Ans : - -ऊर्जा
2.: - सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का कौन-सा भाग दिखाई देता है?
Ans : - किरीट
3.: - कपड़ों से जंग के धब्बे हटाने के लिये प्रयोग किया 

Ans : - -ऑक्ज़ैलिक अम्ल
4.: - गन्ने में ‘लाल सड़न रोग’ किसके कारण उत्पन्न होता है?
Ans : - कवकों द्वारा
5.: - टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?
Ans : - जे. एल. बेयर्ड
6.: - किस प्रकार के ऊतक शरीर के सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं?
Ans : - एपिथीलियम ऊतक
7.: - मनुष्य ने सर्वप्रथम किस जन्तु को अपना पालतू बनाया?
Ans : - कुत्ता
8.: - किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम बर्फ़ के दो टुकड़ों को आपस में घिसकर पिघला दिया?
Ans : - डेवी
9: - हीरा चमकदार क्यों दिखाई देता है?
Ans : - सामूहिक आंतरिक परावर्तन के कारण
10.: - ‘गोबर गैस’ में मुख्य रूप से क्या पाया जाता है।
Ans : - मिथेन
11.: - निम्न में से कौन-सा आहार मानव शरीर में नये ऊ

शुक्रवार, 19 जून 2020

Clear today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 107F and Sunny outside.

Current wind speeds: 16 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 19, 2020 at 05:43AM

Sunset: June 19, 2020 at 07:34PM

UV index: 5

Humidity: 28%

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June 19, 2020 at 04:00PM

तेरुड़ी या अधिकमास या अधिमास की हकीकत और अंधविश्वास ।


ऐसे ही tv देख रहा था तो यह सामने आया जैसे कुवारों को संतान सुख बताने वाली #राशि होती है  और लोग मानते भी है और अखबार वाले  छापते  है और tv वाले दिखाते हैं।ठीक वैसे ही अधिकमास में यदि कोई जन्मे तो उसका क्या होगा वो यह बाबाजी बता रहे थे ।
 मेने कही पहले पढ़ रखा था इसके पीछे की वजह अलग है जबकि यह जो बता रहा है वो अलग
सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांगों में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है। इसी #अधिकमास या अधिमास या मलमास कहते हैं।
      अग्रेजी कलैडर मे 365 दिन होते है जबकी विक्रम संवत् कैलेडर 354 दिन का इस लीए तीन साल मे एक महिना बढ जाता है उसको बराबरी  करने के लीए ही तेरूङी आती है विक्रम संवत कैलेंडर में इसके अलावा कोई कारण नही है ।
एक दिन मेने पाया कि जिन महिलाओं के लडकिया ज्यादा होती है मतलब 2 या 3 या 7 लडकिया के बात लड़का नही होता है तो वो इस तेरुड़ी मे यदि दान करे तो उसके लड़का होगा । जब मैने यह देखा तो मेने कहा ऐसे कैसे होगा । वो तो जब बच्चा गर्भ में होता है और जब लिंग का निर्धारण होता है तब तय होता है कि लड़का होगा या लड़की या कुछ तीसरे जेंडर भी हो सकता है पर......
लोगो ने भगवान से जुड़ने का माध्यम बनाया लिया है तो यही होगा । मुझे तो भगवान उस दीन, दुखी ,गरीब ,विकलांग, अबोध, में नजर आता है उसकी कोई सहायता हो जाये तो बेहतर होता है ।  
पर लोग परिवार के सदस्यों या आस पास के लोगो को खुश करने से ज्यादा भगवान ,अल्लाह ,गॉड ,प्रवर्दीकार को खुश करने में लगा है । इसके लिये वह तरह तरह के जतन करता है कभी कुछ कभी कुछ । 
किसी ने मुझसे कहा कि अनिल अंबानी भी तो पूजा पाठ करता है  तो मैने कहा कि उसके पीछे कारण है कि उसकी रिलायंस कम्पनी ऐसे चलेगी नही 
दुनिया मे अनेको धर्म है सबके अपने अपने राग है कोई धरती को साकिन यानी चपटी बताता है तो कोई नाग के फन पर टिकी हुई तो कोई कुछ औऱ सबने अपने अपने हिसाब से व्यख्या कर रखी है । 
इसलिय हमेशा निर्भय रहे । हर बीमारी या हर दवा का इलाज भगवान ,भोपा ,मौलवियो ,बाबोओ के  पास खोजना बन्द करे । खुद की समस्या खुद से हल होगी न किसी और से 
इसलिये गौतम बुद्ध ने आदमी के दुखों का कारण अविद्या और अज्ञान को बताया है जब तक अज्ञान रहेगा हर कोई ठग लेगा

गुरुवार, 18 जून 2020

Clear today!



With a high of F and a low of 88F. Currently, it's 108F and Sunny outside.

Current wind speeds: 17 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 18, 2020 at 05:43AM

Sunset: June 18, 2020 at 07:33PM

UV index: 5

Humidity: 24%

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June 18, 2020 at 04:00PM

बुधवार, 17 जून 2020

Mostly Sunny today!



With a high of 111F and a low of 88F. Currently, it's 110F and Sunny outside.

Current wind speeds: 14 from the Southwest

Pollen:

Sunrise: June 17, 2020 at 05:43AM

Sunset: June 17, 2020 at 07:33PM

UV index: 5

Humidity: 18%

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June 17, 2020 at 04:00PM

मंगलवार, 16 जून 2020

Mostly Clear today!



With a high of F and a low of 89F. Currently, it's 110F and Fair outside.

Current wind speeds: 9 from the Northwest

Pollen:

Sunrise: June 16, 2020 at 05:43AM

Sunset: June 16, 2020 at 07:33PM

UV index: 5

Humidity: 18%

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June 16, 2020 at 04:00PM

सोमवार, 15 जून 2020

Clear today!



With a high of F and a low of 89F. Currently, it's 109F and Sunny outside.

Current wind speeds: 5 from the North

Pollen:

Sunrise: June 15, 2020 at 05:43AM

Sunset: June 15, 2020 at 07:33PM

UV index: 5

Humidity: 16%

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June 15, 2020 at 04:00PM

आरएसएस की राष्ट्रीय ध्वज से नफरत के प्रमाण RSS



आरएसएस की राष्ट्रीय ध्वज से नफरत  के प्रमाण :-

1- दिसम्बर 1929 के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास कर 26 जनवरी 1930 में पूरे राष्ट्र में तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाने का प्रस्ताव पास हुआ। तत्कालीन आरएसएस संस्थापक और सरसंघचालक केशव बलिराम हेडगेवार ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने से मना कर दिया जबकि तिरंगा आजादी की लड़ाई का प्रतीक था। 

2-- आरएसएस राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल केवल श्री नगर के लाल चौक पर फहराने का प्रदर्शन कर मदरसों पर तिरंगा लहराने की मांग तो करता  है परंतु देश की आज़ादी के लगभग 60 साल बाद तक आरएसएस ने अपने नागपुर मुख्य कार्यालय पर कभी तिरंगा झंडा नहीं लहराया चाहे वह 26 जनवरी 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व ही क्यों न हों। 

3 -- भारत की सैंविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार करने पर संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर की सम्पादकीय The National Flag आर्टिकल दिनाक 17 जुलाई 1947 में लिखा था 

" हम इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं कि राष्ट्रीय झंडा ( तिरंगा ) देश के सभी दलों और समुदायों को स्वीकार्य होना चाहिए। यह निरी बेवकूफी है। हमारे लिए यह मुमकिन नहीं कि हम एक ऐसा झंडा चुने जो देश के सभी समुदायों की इच्छाओं आकांक्षाओं को संतुष्ट करे। यह गैर जरूरी अनुचित है। ''

4-- स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली के लाल किले पर 14 अगस्त 1947 में जब राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लहराने की तैयारी चल रही थी तब आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के चयन की खुल कर भर्त्सना  करते हुए लिखा 
  
"वे लोग जो किस्मत के दांव से सत्ता तक पहुंचे हैं वे भले ही हमारे हाथों में तिरंगे थमा दें लेकिन हिंदुओं द्वारा न इसे कभी स्वीकार किया जा सकेगा न सम्मानित किया जा सकेगा।  तीन का आंकड़ा ( झंडे के तीन रंग ) अपने आप में अशुभ है। एक झंडा जिसमें तीन रंग हों बेहद खराब मनोवैज्ञानिक असर डालेगा और देश के लिए नुकसान देह साबित होगा। ''

 स्वतंत्रता के बाद तिरंगा राष्ट्रीय झंडा बना तब आरएसएस ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। 

5--  गोविलकर ने राष्ट्रीय झंडे पर अपने लेख #पतन_ही_पतन में लिखा

 " उदाहरण स्वरूप हमारे नेताओं ने हमारे राष्ट्र के लिए एक नया ध्वज तिरंगा निर्धारित किया है। उन्होंने ऐसा क्यों किया ? यह पतन की और बहने तथा नक़लचीपन का स्पष्ट प्रमाण है। '' 

पोस्ट को राष्ट्रीय हित में शेयर करना न भूलें 
                       English translation
Evidence of hatred of RSS national flag: -


 1- Passed the proposal of Purna Swaraj at the Lahore session of December 1929 and hoisted the tricolor across the nation on 26 January 1930 to celebrate Independence Day.  The then RSS founder and Sarsanghchalak Keshav Baliram Hedgewar refused to adopt the tricolor as the national flag while the tricolor was a symbol of the freedom struggle.


 2- The RSS demands the use of the national flag only to hoist the tricolor on the madrasas by displaying the hoisting at Lal Chowk in Sri Nagar, but the RSS never waved the tricolor at its Nagpur head office till about 60 years after the independence of the country.  Even if it is the national festival of 26 January 15 August.


 3 - The Constituent Assembly of India wrote the editorial of the Union mouthpiece The National Flag article on 17 July 1947 on the acceptance of the tricolor as the national flag.


 "We do not agree at all that the national flag (tricolor) should be acceptable to all parties and communities in the country. It is very stupid. It is not possible for us to choose a flag that will satisfy the aspirations of all the communities of the country.  Satisfy. This is necessarily unnecessary. ''


 4 - On the eve of Independence Day, on 14 August 1947, while preparations were being made to wave the National Flag Tricolor at Red Fort, Delhi, the RSS mouthpiece Organizer openly condemned the selection of the National Flag Tricolor.



 "Those who have reached power by the fate of fate may put the tricolor in our hands but it will never be accepted or honored by Hindus. The figure of three (three colors of the flag) is in itself inauspicious.  A flag which has three colors will have a very bad psychological effect and will prove to be a harmful body for the country. "


 After independence, the tricolor became the national flag when the RSS refused to accept it.


 5-- Govilkar wrote his article on the national flag in #Panata_hi_patan


 "For example, our leaders have set a new flag tricolor for our nation. Why did they do this? It is a clear proof of the downfall and the drunkenness."


 Do not forget to share the post in the national interest

रविवार, 14 जून 2020

Partly Cloudy today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 105F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 7 from the North

Pollen:

Sunrise: June 14, 2020 at 05:42AM

Sunset: June 14, 2020 at 07:32PM

UV index: 5

Humidity: 26%

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June 14, 2020 at 04:00PM

शनिवार, 13 जून 2020

साइमन कमीशन की हकीकत



*हमें आज तक यही  पढ़ाया गया था, कि गांधी ने साइमन कमीशन का विरोध किया था ,, लेकिन यह  नहीं पढ़ाया जाता कि तीन शख्स थे जिन्होंने साइमन कमीशन का स्वागत भी  किया था ।।*

*इन तीन शख्स के नाम निम्न है -*

*1- ओबीसी से चौधरी सर छोटूराम जी। जो पंजाब से थे।*

*2- एससी से डॉक्टर बी आर अम्बेडकर। जो महाराष्ट्र से थे।*

*3- ओबीसी शिव दयाल चौरसिया जो यूपी से थे।।*

*अब सवाल ये उठता है कि गांधी ने साइमन का विरोध क्यों किया?*
 
*क्योंकि 1917 में अंग्रेजो ने एक एक कमेटी का गठन किया था,, जिसका नाम था साउथ बरो कमिशन,, जो कि भारत के शूद्र अति शूद्र अर्थात आज की भाषा में एससी एसटी और ओबीसी के लोगों की पहचान कर उन्हें हर क्षेत्र में अलग अलग प्रतिनिधित्व दिया जाए,, और हजारों सालों से वंचित इन 85% लोगों को हक अधिकार देने के लिए बनाया गया था,, उस समय ओबीसी की तरफ से शाहू महाराज ने भास्कर राव जाधव को,, और एससी एसटी की तरफ से डॉक्टर अम्बेडकर को इस कमीशन के समक्ष अपनी मांग रखने के लिए भेजा।।*

*लेकिन ये बात बाल गंगाधर तिलक को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने कोल्हापुर के पास अथनी नाम के गांव में जाकर एक सभा लेकर कहां कि तेली,, तंबोली,, कुर्मी कुनभट्टों को संसद में जाकर क्या हल चलाना है।।*

*इस तरह विरोध होने के बाद भी अंग्रेजो ने तिलक की बात को नहीं माना और 1919 में अंग्रजों ने एक बात कहीं कि भारत के ब्राह्मणों में भारत की बहु संख्यक लोगों के प्रति न्यायिक  चरित्र नहीं है।।*

*इसे ध्यान में रखते हुए 1927 में साइमन कमीशन 10 साल बाद फिर से भारत में एक ओर सर्वे करने आया,, कि इन मूलनिवासी लोगों को भारत छोड़ने से पहले अलग अलग क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए,,,*

*इस साइमन कमिशन में 7 लोगों की एक आयोग की तरह कमेटी थी,, जिसमे सब संसदीय लोग थे।।*

*इसलिए इसमें उन लोगों को शामिल नहीं किया जा सकता था,, जो लोग भारत के मूलनिवासी लोगों के हक़ अधिकार का हमेशा विरोध करते थे,, जब यह कमिशन एससी एसटी और ओबीसी लोगों का सर्वे करने भारत आया तो,, गांधी,, लाला लाजपराय,, नेहरू और आरएसएस ने इसका इतना भयंकर विरोध किया कि कई जगह साइमन को काले झंडे दिखाए गए,, लाला लापतराय ने इसलिए अपने प्राण दे दिए,, चाहे मै मर भी क्यों न जाऊं लेकिन इन शूद्र अति शूद्र लोगों को एक कोड़ी भी हक अधिकार नहीं मिलने चाहिए।*

*गांधी ने लोगों को ये कहकर विरोध करवाया कि इसमें एक भी सदस्य भारतीय नहीं है,, दूसरे अर्थों में गांधी ये कहना चाहता था,, कि इस कमिशन में ब्राह्मण बनियों को क्यों नहीं लिया।।*

*क्योंकि गांधी ने मरते दम तक एक भी ओबीसी के आदमी में सविधान सभा में नहीं पहुंचने दिया,, इसलिए बाबा साहब ने ओबीसी के लिए आर्टिकल 340 बनाया और संख्या के अनुपात में हक अधिकार देने का प्रावधान किया।।*

*दूसरी तरफ साइमन का स्वागत करने के लिए चौधरी सर छोटूराम जी ने एक दिन पहले ही लाहौर के रेलवे स्टेशन पर जाकर उनका स्वागत किया,, यूपी से ऐसा ही स्वागत शिवदयाल चौरसिया ने किया,, और डॉक्टर अम्बेडकर ने  अलग अलग जगह पर अंग्रेजो का सहयोग  कियसा और भारत में जाति व्यवस्था की जमीनी स्तर की  सही जानकारी साइमन  कमीशन को दी,, जिसकी वजह से गोलमेज सम्मेलन में हम भारत के हजारों सालों से शिक्षा,, ज्ञान,, विज्ञान,, तकनीक,, संपति,, और बोलने सुनने और पढ़ने लिखने से वंचित किए गए लोगों और उस समय के राजा महाराजाओं की ओकात एक बराबर कर दी,, वोट का अधिकार देकर।।*

*लेकिन क्या हम ओबीसी,, एससी एस टी अपने वोट की कीमत आज तक जान पाए,, कभी नहीं जान पाए,, इसलिए हम आज भी 15% लोगों के गुलाम है।।*

*दूसरी बात साइमन का विरोध करके हमारे हक अधिकार का कोन लोग विरोध कर रहे थे।।*

*1- कर्मचंद गांधी गुजरात का गोड बनिया।*

*2- जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी ब्राह्मण।*

*3- लाला लाजपतराय पंजाब के ब्राह्मण।।*

*4- आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर केशव बली हेडगवार ब्राह्मण  और पूरी की पूरी  आरएसएस लाबी ।।*

 *ये लोग इसलिए विरोध कर रहे थे,, क्योंकि इनकी संख्या भारत में मुश्किल से 15% है और इनको ग्राम पंचायत का पंच नहीं चुना जा सकता,, इसलिए 85% एससी, एस टी और ओबीसी के वोट के अधिकार का,, शिक्षा,, संपति और अलग अलग क्षेत्र में प्रतिनिधित्व का विरोध कर रहे थे।।*

*अत: हमें मालुम होना चाहिये हमारा इतिहास वो नहीं है जो हमे  पढ़ाया जाता रहा  है,, बल्कि वो है जो हम से  छुपाया जाता रहा  है।।*

*अब भी अगर अपना इतिहास नही जानोगे तो  समाज का सही मार्ग दर्शन नही हो पाएगा*
जय यौद्धेय

Partly Cloudy today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 103F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 6 from the Northwest

Pollen:

Sunrise: June 13, 2020 at 05:42AM

Sunset: June 13, 2020 at 07:32PM

UV index: 5

Humidity: 33%

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June 13, 2020 at 04:00PM

शुक्रवार, 12 जून 2020

Partly Cloudy today!



With a high of F and a low of 87F. Currently, it's 103F and Partly Cloudy outside.

Current wind speeds: 5 from the Northwest

Pollen:

Sunrise: June 12, 2020 at 05:42AM

Sunset: June 12, 2020 at 07:32PM

UV index: 5

Humidity: 32%

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June 12, 2020 at 04:00PM

गुरुवार, 11 जून 2020

लालू प्रसाद यादव



  11जून 1948को गोपालगंज जिले के फुलवारिया गांव में कुन्दनराय यादव व मराछिया देवी के घर पैदा हुए लालू प्रसाद यादव छात्र नेता,सांसद, मुख्यमंत्री,रेल मंत्री बनने के बाद आज झारखंड की बिरसा मुंडा जेल में बंद है।भारत मे पिछड़ों को न्याय की बात जब भी पटल पर आयेगी लालू प्रसाद यादव का नाम साथ मे जरूर लिया जाएगा।लालूप्रसाद यादव भैंसों के तबेले से जिंदगी की शुरुआत करते है और आज भी उनके घर मे भैंसे बंधी रहती है।अपने जीवन में चाहे किसी पद पर पहुंचे हो मगर अपना रहन सहन वो ही देहाती रखा है।कितने ही ऊँचे पायदान नापे हो मगर अपनी जड़ों पर कायम रहे उसी का नतीजा है कि आज वो भ्रष्टाचार के मामले में जेल में है मगर पूरे देश का पिछड़ा वर्ग उनको सम्मान की नजर से देखता है और बिहार के लोग तो इतने दीवाने है कि कांग्रेस,बीजेपी, जेडीयू  सहित तमाम विरोधी इन चुनावों में लालू नाम के आगे नतमस्तक होते नजर आ रहे है!

लालूप्रसाद यादव 1970में पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के महासचिव व 1973में अध्यक्ष चुने गए।लालू यादव 1974 में जेपी के बिहार आंदोलन में शामिल हो गए।1977में जनता दल के टिकट पर छपरा से चुनाव लड़ा और उस समय सबसे कम उम्र 29वर्ष में सांसद चुने गए थे।1980 व 1985में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए और 1989में कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु के बाद वो विधानसभा के नेता बन गए और 1989में ही लोकसभा के लिए चुने गए थे।1989के बाद लालू का दौर बिहार में शुरू होता है।1989में दो घटनाएं घटती है और उन पर कड़ा रुख अपनाने के कारण लालूप्रसाद यादव देशभर में एक मजबूत व अपने स्टैंड पर कायम रहते हुए पिछड़ो,दलितों व अल्पसंख्यकों के नेता के रूप में उभरे।

1989 में बिहार के भागलपुर में साम्प्रदायिक दंगा हुआ और कांग्रेस पार्टी इसको रोकने में असफल हो गई।लालूप्रसाद यादव ने मुसलमानों को विश्वास दिलाया कि आप कांग्रेस छोड़कर मेरे साथ आओ में आपके अधिकारों की रक्षा करूँगा!इस प्रकार एम व वाई का समीकरण बना और लालू यादव की ताकत बढ़ी।1989में ही वीपी सिंह सरकार पर दबाव बनाकर मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करवा दिया जिससे बाकी पिछड़े वर्ग के लोग भी लालूप्रसाद के साथ जुड़ते गए और 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बन गए।

मंडल के खिलाफ राममंदिर के बहाने सोमनाथ से लालकृष्ण आडवाणी कमंडल का रथ लेकर निकले और देश मे साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण होने लगा।अब लालू प्रसाद यादव की असली परीक्षा होनी थी।जैसे ही लालकृष्ण आडवाणी का रथ 23दिसंबर 1990 को बिहार के समस्तीपुर में घुसा, लालू प्रसाद ने आडवाणी को गिरफ्तार करके कोलकाता ले जाकर छोड़ दिया।इससे अल्पसंख्यको का विश्वास लालूप्रसाद में बढ़ा और आज भी वो डटकर लालूजी के साथ खड़े है।

लालूप्रसाद यादव को सिर्फ राजनैतिक या प्रशासनिक पदों के अनुरूप देखना उनके साथ न्यायसंगत नहीं होगा।लालू के दौर में पहाड़ों में पत्थर तोड़ने वाली दलित भगवंतिया देवी रातों रात संसद की दहलीज पर पहुंच जाती है तो घास-फूस की टाट में जीवन काटने वाले एक मोची का बेटा शिवचंद्र राम बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री बन जाता है व धोबी घाट पर जिंदगी गुजारने वाले श्याम रज्जक को लाल बत्ती की गाड़ी मिल जाती है।लालू ने सदियों से खोबचे में धकेले गए लोगों को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया और देखते ही देखते बिहार की बहुसंख्यक जनता खुद को एक अव्वल नागरिक होने व अपना राज होने के लम्हों से अभिभूत हो गई।

मगर देश की ब्राह्मणवादी सत्ता,मीडिया व न्यायपालिका को यह स्वीकार्य नहीं था कि कोई पिछड़े का बेटा उन पर राज करे और षड्यंत्रों का दौर शुरु हो गया।15साल के उनके कार्यकाल को जंगलराज बताया गया था और दुष्प्रचार शुरू कर दिया मगर लालू अपने इरादों से टस से मस नहीं हुए।अपने समर्थकों के साथ ब्राह्मणवादी ताकतों को जवाब देते रहे मगर अपने साथी के धोखे के कारण वो आज जेल में है!

चारा घोटाले का मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री आज आजाद है मगर चारा घोटाले की जांच का आदेश देने वाला उत्तराधिकारी मुख्यमंत्री जेल में है क्योंकि बाकी आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं मिले और लालूप्रसाद यादव ने शायद चारा खाकर मी लार्ड की टेबल पर ही गोबर कर दिया हो!

1991तक बिहार में शिक्षा में वृद्धि दर 6%थी और 1991से 2001के बीच यह 10%से ज्यादा रही।1990में देश की माली हालात खराब थी व उदारीकरण के दुष्परिणाम के बीच भी बिहार राज्य में समान अवसरों को मद्देनजर रखते हुए 6विश्वविद्यालय खोले गए15 साल के शासनकाल में केंद्र सरकार ने भी बिहार को बहुत ज्यादा आर्थिक मदद नहीं दी!सामंतों का अत्याचार, शासन पर अभिजात्य वर्ग का कब्जा और केंद्र सरकार का बिहार के प्रति दोहरा मापदंड- ऐसी कई चीजें झेलकर शासन करना एक पिछड़े तबके से आने वाले मुख्यमंत्री के लिए आसान नहीं था!

1991में प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की स्थापना की गई और 1995 में देश मे सबसे पहले बिहार में  मिड डे मील की शुरुआत की गई और उस समय हर छात्र को 3किलो अनाज दिया जाता था जिसे वाजपेयी की केंद्र सरकार ने देशभर में लागू किया था।

देश की खराब अर्थव्यवस्था का बिहार पर भी प्रभाव पड़ा और मीडिया ने बीमारू राज्य कहना शुरू कर दिया!पूंजीवादी लुटेरों के हलक में हाथ डालकर जब पूंजी का गरीबों में वितरण हुआ तो कागजी आंकड़ों में जरूर गिरावट दर्ज की गई मगर समाजवादी मॉडल के अनरूप आमजन मजबूत हुआ था।

ब्राह्मणवादी सत्ता,मीडिया व न्यायपालिका ने लालू के रथ को हर समय रोकने की कोशिश की मगर लालू एक ब्रांड के रूप में आगे बढ़ते रहे।लालू को जब सीबीआई कोर्ट में समर्पण करना पड़ा तब अपनी अनपढ़ पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाकर शासन जारी रखा मगर इनको कभी जीतने नहीं दिया।

लालू प्रसाद के समकालीन नेता रहे चौधरी देवीलाल आज दुनियाँ में नहीं है और उनके परिवार को ब्राह्मणवादियों ने दो भागों में विभक्त कर दिया!शरद यादव को ब्राह्मणवादियों के जाल में फंसकर उनके ही साथी ने धोखा दिया तो कोई भी ब्राह्मणवादी पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं हुई मगर जेल में बैठा लालू यादव उनकी मदद को आगे आया!मुलायम सिंह ने यूपी में बहुत संघर्ष किया मगर लालू के साथ तुलना की जाए तो वो भी बौने ही नजर आते है।

लालू चाहे आज जेल में हो और पूरी ब्राह्मणवादी ताकतें उनको खत्म करने में लगी हो मगर लालू सामाजिक न्याय व समतामूलक समाज का ऐसा ब्रांड बन चुका है जिसे रोकना संभव नहीं है।भौतिक रूप से भले ही लालू हार जाएं मगर विचारधारा के रूप में लालू ब्रांड सदा मार्गदर्शक बनकर जिंदा रहेगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में दुबारा बड़ी ताकत बनकर उभरेगा।


dabur immunity kit

मंगलवार, 9 जून 2020

टिड्डी चड्डी मंडी फंडी

किसान टिड्डी दल से
भारत चड्डी दल से

और गरीब-मजदूर मंडी दल से परेशान है!

बाकी मौजा ही मौजा है! 

फंडी दल का कारोबार किसी भी हालत में न रुके इसलिए  रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक भारत मे लॉक डाउन रहेगा!

हर की पौड़ी की शाम 7.30pm की आरती व सुबह 5.00am पर मुल्ले की बांग का पूरा ख्याल रखा गया है!

सरकार को पता है जनता के लिए पंडित,मौलाना, पादरी काफी है उनके हवाले जनता को करके सत्ता का लुत्फ मस्ती से उठाते रहा जा सकता है!

मेरे बाप ने मरने से पहले मेरी माँ से कहा था पंडित साफ-सुथरे नहीं होते इसलिए घर के बाहर ही चूण डाल दिया करो!

मैं चौखट से बाहर ही डालता रहा और बाद में देना बंद कर दिया।

किसी की भावना,आस्था को ठेस पहुंची हो तो अदालत में जाकर इंसाफ मांगे। 

श्राद्ध पर हमारी तरफ से माल लेकर मेरे बाप-दादाओं तक पहुंचाया गया और कोई दिक्कत हमारे पूर्वजों को हुई तो पंडितों ने स्वर्ग के समाचार हमे बताये और हमने उनके श्राद्ध रूपी सारी प्रक्रियाएं की है।

अगर पंडितों को गफलत है और उनको लगता है कि मैं और मेरी माँ झूठ बोल रहे है तो मेरे बाप को खाना पहुंचाने वाले उनका बयान लाकर अदालत में पेश कर दें!

दुनियाँ को पता तो चले कि श्राद्ध के नाम पर पंडित झूठ बोल रहा है या मेरा बाप परेशान है और मेरे से रोटी मांग रहा है?

टिड्डी
चड्डी
मंडी
फंडी 

एक ही तरह की बीमारी है!बच लो।पंडित और अदालत मेरे प्रिय दोस्त और स्थल बन गए है।

प्रेमाराम

शनिवार, 6 जून 2020

सर सरदार सिकन्दर हयात खान

“राजनीति एक गन्दा खेल है पर मैं इसे ईमानदारी से निभाता हुँ।”
शब्द पूर्व प्रीमियर (1947 पूर्व) संयुक्त पंजाब के
सर सरदार सिकन्दर हयात खान जी के।
उनके जन्मदिवस 5 जून पर भावपूर्वक श्रधांजलो। 
कोटि कोटी नमन।

परिचय:
सर सरदार सिकन्दर हयात खान, एम बी ई, के बी ई
एक बहुत ही रहीस जाट परिवार में जन्मे 5 जून 1892 को मुल्तान, पंजाब में। आपके पिता नवाब सरदार मुहम्मद हयात खान पहले भारतीय मुस्लिम थे जो कि एसिस्टन्ट कमिश्नर व अनेक स्तर पर जज बने, समस्त पूर्व भारतीय अंग्रेजी साम्राज्य में। आपकी माता जी कपूरथला के निज़ाम की सुपुत्री थी।

यौवन का सफर:
अपनी जवानी में आप तीसरे अफ़ग़ान युद्ध व पहले विश्व युद्ध में एक अव्वल दर्जे के अफसर की तरह लड़े। आप अपने समय के फ़ौज के नेतृत्वकर्ता के सर्वोच्ज श्रेणी के भारतीय बने। जिसकी वजह से आपको सबसे बड़ा सेना के अफसर का पुरस्कार मिला अंग्रेज़ सरकार द्वारा-एम बी ई।

पहले विश्व युद्ध उपरांत:
आपने उद्योगपति की तरह व बैंक में सचिव की तरह बहुत सफलता मिली व इस दौरान आप यूनियनिस्ट पार्टी से राजनीति में आय। 2 जनवरी 1933, अंग्रेज़ी सरकार द्वारा आपको नाइट बनाया गया।

आपका मार्गदर्शन:
आप मज़हबो में शांति का प्रयास करते थे व भारत को अंग्रेज़ो का साथ देकर हिटलर को परास्त करके भारत की भलाई व सम्पूर्ण विश्व को न्याय की मनोकामना रखते थे। इसके लिये आपका ह्र्दयपूर्वक धन्यवाद व आभार।

यूनिगनिस्ट पार्टी के मूल सिद्धांत:
यूनियनिस्ट पार्टी हिन्दू, मुस्लिम व सिख किसान कमरों को व गरीबो को उभरना चाहती थी। साहूकारों के चुंगल से बचाने के लिये भी। इस के लिये यूनियनित पार्टी ने कई 'स्वर्ण कानूनों' को लागू किया।

मजहबो के अंतर्गत शांति के प्रयास:
आपजी ने 'एकता का सम्मेलन' आयोजित किया, 'सिकन्दर-जिन्नाह संधि', मुसलमानो के साथ एकता के लिये, व
'सिकन्दर-बलदेव सन्धि', सिखो के संग एकता के लिये हस्ताक्षरित करे। आपजी ने पूरा जोर लगाया कि भारत का विभाजन न हो।

आपकी सोच व नेकी को कोटि कोटि नमन।

गुरुवार, 4 जून 2020

भारत को गुलाम किसने बनाया

भारत को गुलाम किसने बनाया?
 जब से हमने होश संभाला और पढ़ना शुरू किया तो हमें यही पढ़ाया जाता रहा कि हमारा देश 1000 साल तक आपसी फूट के कारण गुलाम रहा। लेकिन हमारे सरकारी इतिहासकारों ने इस तथ्य को कभी उजागर नहीं किया कि यह आपसी फूट डालनेवाले लोग कौन थे? इन्होंने कैसे फूट डाली? इतिहास गवाह है कि मामला फूट का नहीं था। ये गद्दारियों से भरा इतिहास है जिसने इस देश को कमजोर किया और यही कारण है कि देश 1000 साल तक गुलामी की बेडि़यों में जकड़कर अपनी किस्मत पर आंसू बहाता रहा। यह गद्दारी करने वाले वही ब्राह्मण थे जो जाटों को देशद्रोही, आतंकवादी, रेपिस्ट, लुटेरा, डाकू कहते हैं यहां तक कि स्कूल की किताबों में भी जाटों को लुटेरा, डाकू लिखवा दिया। उदाहरण के लिए यहाँ कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख कर रहा हूं -

• मौर्य साम्राज्य के आखरी राजा बृहद्रथ (मोर गोत्री जाट) को उन्हीं के ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने मारा ओर उनका राज हड़प लिया।
• फिर इन्होंने आखरी बौद्ध सम्राट हर्षवर्धन(बैंस गोत्री जाट) को मरवाया और उनके साम्राज्य पर ब्राह्मण सेनापति अर्जुन ने अधिकार करने के लिए प्रयत्न प्रारम्भ कर दिया किन्तु वंगहुएंत्से ने तिब्बत की सहायता से अर्जुन को बन्दी बनाकर चीन भेज दिया।
• फिर उन्होंने 696 ई. में माउंट आबू पर यज्ञ किया और अलग अलग जातियों को तोड़कर उनमें से नई राजपूत जाति बनाई। इनमें सबसे ज्यादा जाट थे।
• फिर सिंध के महाराजा सिहासीराय(मोर गोत्री जाट) को उन्हीं के विश्वासपात्र चच ब्राह्मण ने मरवा दिया। यही चच ब्राह्मण सिंध (आलौर) का सम्राट् बन बैठा और अपने राज का शिकंजा कसते हुए जाटों पर अमानवीय जुल्म ढ़ाये जिसमें जाटों को मलमल का कपड़ा न पहनना, सिर पर छतरी न लगाना, घोड़े पर काठी न कसना, जाट औरतों को घाघरे में नाड़ा न डालकर उसे रस्सी से बांधना, राजा की रसोई के लिए केवल जाटों द्वारा ही जंगल से लकड़ी लाना, वह भी नंगे पैरों तथा अपने कुत्तों को साथ ले जाना आदि आदेश जारी किये और उनको बड़ी शक्ति से मनवाया। इसी चच ब्राह्मण ने अपने “चचनामा” में जाटों को चाण्डाल जाति लिखा है।
• फिर जब कासिम सिंध पर हमला करने आया तो दाहिर का ब्राह्मण मंत्री ज्ञानबुद्ध व पुजारी मनसुख तथा हरनन्दराय रात्रि में बिन-कासिम से मिले और घूस के लालच में बिन-कासिम को लड़ाई जीतने के लिए एक युक्ति बतलाई जिससे कासिम हारी हुवी लड़ाई जीत गया।
• फिर इन्होंने भारत के लोगों का खून चूस चूस कर मंदिरों में सोना भर दिया और उसी सोने की चमक ने मोहम्मद गजनी को भारत तक खींच लाई। और गजनी ने पूरे भारत में भोकाल मचा दिया। जब गजनी सोमनाथ के धन को लूट कर लेजा रहा था तब जाटों ने उसका आधे से ज्यादा धन छीन लिया तो सोमनाथ के पंडितों ने जाटों को लूटेरा कहना शुरू कर दिया।
• फिर कन्नौज के राजा जयचंद के पुरोहितों ने पृथ्वीराज चौहान के राज्य पर चढ़ाई करने के लिए मोहम्मद गौरी को न्योता दिया।
• गंगाराम ब्राह्मण जिसने गुरु गोविंदसिंह जी की माता जी के पास कुछ गहने देखकर लालच में आया और सूबा सरहिन्द के अधिकारी नवाब जानी खाँ को सूचना दी की गुरु जी के दोनों छोटे बेटे जोरावरसिंह (9 वर्ष) तथा फतेसिंह (7 वर्ष) उसके पास हैं। सूबा सरहिन्द ने दोनों बच्चों को अपने कब्जे में लेकर कत्ल का आदेश दे दिया।
• मुगलराज की स्थापना में बाबर का सबसे बड़ा सहयोग करने वाला हिन्दू ब्राह्मण वजीर रेमीदास था जिसने बाबर को उत्तर भारत की पूरी जानकारियां दीं, जो एक बहुत ही बुद्धिमान् और चतुर आदमी था। 
• इसी प्रकार गजनी की सेना में तिलक नाम का हिन्दू ब्राह्मण था जिसने भारतवर्ष के मन्दिरों की पूरी जानकारियां देकर इनको गजनी के हाथों लुटवाया।
• फिर पेशवा ब्राह्मणों ने छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी को औरंगजेब की कैद में डलवा दिया। फिर शिवाजी महाराज के मरने के बाद पेशवा ब्राह्मणों ने उनका राज हड़प लिया।
• फिर एक बाजीराव पेशवा (ब्राह्मण) हुआ जिसको ब्राह्मण महान कहते फिरते हैं लेकिन उसको देख कर सुंदर औरतें आत्महत्या कर लेती थी ताकि उससे बच सकें।
• 1857 की क्रांति में ब्राह्मण गंगाधर कौल क्रांतिकारियों की मुखबरी करके अंग्रेजों की सेवा करता रहा। इसने राजा नाहर सिंह को फासी दिलवाने में कोई करस नहीं छोड़ी। और इसी का सगा पौत्र पंडित नेहरू देश का प्रथम प्रधानमंत्री बना।

यह तो बस कुछ एक उदाहरण थे अगर कोई इतिहास का अध्ययन करें तो पता चले इतिहास तो इन गद्दारों की गद्दारियों से भरा पड़ा है।

जालाराम

बागपत प्रकरण

#बागपत_गांव_बासौली_प्रकरण
SAME - मुजफ्फरनगर वाला कांड हैं
ℹ  ( कश्यपो ) की चक्की थी, हाडा पिसान आये जाट के साथ किसी बात को लेकर बहस और बदतमीजी हो गई जिसके बाद उस जाट भाई के घर कुणबे के लोग आ गए और सामने वाली पार्टी ने जाटो पे पथर व डंडो से हमला कर दिया जिसमे जाटो ने अपनी साइड से फायर खोल दिये जिसमे सामने वाली पार्टी का एक बंदा मारा गया मामला सांत हो गया..!! जिसके कुछ देर बाद वहा से दुसरे गाव के दो जाट गुजर रहे थे उम्र 15 से 16 जिनका उस लडाई से कोई लेना देना ही नहीं था #सचिन और #गोलू - सोप और दोघट गाव के थे , बसौली गाव में उन दोनो जाट भाईयो को मार दिया जाता हैं जिसके बाद सत्ता रूडी जाट विरोधी सरकार व नेता उल्टा सिर्फ जाटो पर केश लगा रहे हैं गोलू और सचिन की FIR तक भी नही ली गई....!!  अब सचिन और गोलू के परिवार पर एआईआर न करने का दवाब बनाया जा रहा है , वहीं कश्यप पक्ष की तरफ से एक आदमी विडियो  में इंटरव्यू  देकर समस्त भारत के जाटों के आंतकवादी कहता है, और जाटों को देश से निकालने के लिये  प्रधानमंत्री   से निवेदन  करता है,  फिर भी कोई कार्यवाही  नहीं होती  उस पर  ! !

🔰 प्रशान के हालात जाटो के खिलाफ मुजफ्फरनगर 2013 वाले ही होते जा रहे हैं - अब बागपत वालो के हाथ बात हैं करना क्या हैं , बाकी मेरा मानना ये हैं अगर कोई हमारी सुनता नहीं हैं थाने और सरकार में और दुसरा समाज हमारे खिलाफ एकजुटता दिखाता हैं तो सामणे वाली पार्टी का चाहे जो धर्म हो मतलब नी हैं फाड के फेक दो सेम मुजफ्फरनगर की तरह - यो लडाई झगडा मार काट न सपोर्ट करने में तम मुझे पागल कह सकते हो भाइयो पर हां भाई में हु पागल जिस जिस छेत्र में अपने सिर त उपर पानी हो फाड के फेक दो अपनी या ही प्रवर्ती हैं ...!! 

🔰 बाकी उन ही लोकदल वालो स बात हुई हैं तडकी जिन्हे लोग बे खामति गाली दिये जाते हैं वे ही दबाव बनाके के FIR दर्ज करवाने मैं लगे हुए पर पका नही हैं हो जाए FIR , हमारे जाट समाज को भी इखटा होना पडेगा , साथ दो भाइयो ना तो या सरकार जाटो की अनसुनवाई करके बागपत का मुजफ्फरनगर बनावाने की और अग्रसर हैं 

🔜- - > क्योकी या जाट कौम है या मरती क्या नी करती पास्ट फ्यूचर की सैकडो कहानी हैं , हर समाज को समझ लेना चाहिए अतंकी को बैर हैं , कानूनी कार्रवाई हो लेने दे सरकार व दुसरा समुदाय नहीं तो बीच मैं अडंगा अटकाण का रिजल्ट मुजफ्फरनगर 2013 सबके सामने हैं हमारे लिए कोई जाति कोई धर्म मायने नहीं रखता जो हमारे साथ चुटकी लेने की कोशिश करेगा बराबर डोज मिलेगी..!!

भारतीय समाज पंडितों का, पंडितों द्वारा,पंडितों के लिए है।**भारतीय समाज पंडितों का, पंडितों द्वारा,पंडितों के लिए है।

*भारतीय समाज पंडितों का, पंडितों द्वारा,पंडितों के लिए है।**भारतीय समाज पंडितों का, पंडितों द्वारा,पंडितों के लिए है।*
 इन्हीं पंडितों ने अतीत में अपनी सुविधा के लिए इस समाज का  विभाजन ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र वर्ण के रूप में किया।भारतीय समाज में मानव जीवन के हर कार्य से पंडिताई जुड़ी हुई है।  यहां व्यक्ति का खान-पान,रहन-सहन,उठना-बैठना,सोना-जगना,आना-जाना सब पंडित तय करता है। अर्थात जैसे कि खानपान को ही ले लें... किसी समय,तिथि,वार इत्यादि पर क्या-क्या खाना-पीना शुभ अथवा अशुभ है।

यही वजह है कि, यहां अतीत का सबसे बड़ा हत्यारा जिसने पूरी पृथ्वी को 21 बार क्षत्रियों से खाली कर दिया। अपनी मां तक की हत्या कर दी।  फिर भी पंडित वर्ग से होने के कारण भारतीय समाज उस को भगवान मानने को मजबूर है।

 आज के आधुनिक युग में भी भारतीय राजनीति धर्म अर्थव्यवस्था और यहां तक कि शासन-प्रशासन सभी पंडितों के इर्द-गिर्द ही काम करते हैं। यदि विज्ञान के इस युग में कोई किसी बड़े प्रोजेक्ट के शुभारंभ में होने वाली पंडिताई पर कुछ भी बोल दे तो  पंडिताई पर सवाल करने मात्र से राष्ट्र अथवा संस्कृति विरोधी घोषित किया जा सकता है। यही वजह है कि हमारे देश में केवल अंधविश्वास और पाखंड का समर्थन करने वाले ही देशभक्त कहलाते हैं...

शिवनारायण इनाणियां भाकरोद

 इन्हीं पंडितों ने अतीत में अपनी सुविधा के लिए इस समाज का  विभाजन ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र वर्ण के रूप में किया।भारतीय समाज में मानव जीवन के हर कार्य से पंडिताई जुड़ी हुई है।  यहां व्यक्ति का खान-पान,रहन-सहन,उठना-बैठना,सोना-जगना,आना-जाना सब पंडित तय करता है। अर्थात जैसे कि खानपान को ही ले लें... किसी समय,तिथि,वार इत्यादि पर क्या-क्या खाना-पीना शुभ अथवा अशुभ है।

यही वजह है कि, यहां अतीत का सबसे बड़ा हत्यारा जिसने पूरी पृथ्वी को 21 बार क्षत्रियों से खाली कर दिया। अपनी मां तक की हत्या कर दी।  फिर भी पंडित वर्ग से होने के कारण भारतीय समाज उस को भगवान मानने को मजबूर है।

 आज के आधुनिक युग में भी भारतीय राजनीति धर्म अर्थव्यवस्था और यहां तक कि शासन-प्रशासन सभी पंडितों के इर्द-गिर्द ही काम करते हैं। यदि विज्ञान के इस युग में कोई किसी बड़े प्रोजेक्ट के शुभारंभ में होने वाली पंडिताई पर कुछ भी बोल दे तो  पंडिताई पर सवाल करने मात्र से राष्ट्र अथवा संस्कृति विरोधी घोषित किया जा सकता है। यही वजह है कि हमारे देश में केवल अंधविश्वास और पाखंड का समर्थन करने वाले ही देशभक्त कहलाते हैं...

शिवनारायण इनाणियां भाकरोद

बुधवार, 3 जून 2020

Petition File in Supreme Court Against Pension To Politicians

Petition File in Supreme Court Against Pension To Politicians

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अब नेताओ की खैर नही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है, इसे आपके आकलन के लिए भेज रहे है .. प्रिय / सम्मानित भारत के नागरिकों... आपसे इस संदेश को पढ़ने का अनुरोध किया जाता है और अगर सहमत हैं,तो कृपया अपनी संपर्क के सभी लोगों को भेजे और बदले में उनमें से प्रत्येक को भी आगे भेजने के लिए कहें। तीन दिनों में, पूरे भारत में यह संदेश होना चाहिए। भारत में हर नागरिक को आवाज उठानी चाहिए__2018 का सुधार अधिनियम__ - सांसदों को पेंशन नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि राजनीति कोई नौकरी या रोजगार नही है बल्कि एक निःशुल्क सेवा है। - राजनीति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक चुनाव है,इसकी पुनर्निर्माण पर कोई सेवानिवृत्ति नहीं है,लेकिन उन्हें फिर से उसी स्थिति में फिर से चुना जा सकता है। (वर्तमान में उन्हें पेंशन मिलती है सेवा के 5 साल होने पर)। इसमें एकऔर बड़ी गड़बड़ी यह है कि अगर कोई व्यक्ति पहले पार्षद रहा हो,फिर विधायक बन जाए और फिर सांसद बन जाए तो उसे एक नहीं,बल्कि तीन-तीन पेंशनें मिलती हैं।यह देश के नागरिकों साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है जो तुरंत बंद होना चाहिए। - केंद्रीय वेतन आयोग के साथ संसद सदस्यों सांसदो का वेतन भत्ता संशोधित किया जाना चाहिए और इनको इनकम टैक्स के दायरे में लाया जाए। (वर्तमान में वे स्वयं के लिए मतदान करके मनमाने ढंग से अपने वेतन व भत्ते बढा लेते हैं और उस समय सभी दलों के सुर एक हो जाते हैं। - सांसदों को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली त्यागनी चाहिए और भारतीय जन-स्वास्थ्य के समान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में भाग लेना चाहिए। इलाज विदेश में नही भारत मे होना चाहिए इनका,अगर विदेश में करवाना है तो अपने खर्च से करवाएँ,अन्यथा मर जाएँ। मुफ्त छूट,राशन,बिजली,पानी,फोन बिल जैसी सभी रियायत समाप्त होनी चाहिए। (वे न केवल ऐसी बहुत सी रियायतें प्राप्त करते हैं बल्कि वे नियमित रूप से इसे बढ़ाते भी रहे हैं) - अपराधी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोका जाए, संदिग्ध व्यक्तियों के साथ दंडित रिकॉर्ड,अपराधिक आरोप और दृढ़ संकल्प, अतीत या वर्तमान को संसद से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, कार्यालय में राजनेताओं के कारण होने वाली वित्तीय हानि,उनके परिवारों,नामांकित व्यक्तियों,संपत्तियों से वसूल की जानी चाहिए। - सांसदों को भी सामान्य भारतीय लोगों पर लागू सभी कानूनों का समान रूप से पालन करना चाहिए। - नागरिकों द्वारा एलपीजी गैस सब्सिडी का कोई समर्पण नहीं जब तक सांसदों और विधायकों को उपलब्ध सब्सिडी,संसद कैंटीन में सब्सिडी वाले भोजन,सहित अन्य रियायतें वापस नहीं ले ली जाती। -संसद में सेवा करना एक सम्मान है,लूटपाट के लिए एक आकर्षक करियर नहीं। -फ्री रेल और हवाई जहाज की यात्रा की सुविधा बंद हो। आम आदमी क्यो उठाये इनकी मौज मस्ती का खर्च यदि प्रत्येक व्यक्ति कम से कम बीस लोगों से संपर्क करता है तो भारत में अधिकांश लोगों को यह संदेश प्राप्त करने में केवल तीन दिन लगेंगे।क्या आपको नहीं लगता कि यह मुद्दा उठाने का सही समय है ? यदि आप उपर्युक्त से सहमत हैं, तो इसे जन जन तक पहुंचाए।  
धन्यवाद।
 जयहिन्द,वन्देमातरम्...🙏

Riya mavi केदारनाथ

बताया गया कि यह एक किसान परिवार की बेटी है और दयानंद ने जिस तरह जाटों का उद्धार किया है वैसे ही यह गुर्जरों का उद्धार करने को पैदा हुई है!

इसने ललाट पर चंदन का मिश्रण लगा करके केदारनाथ में जाकर वीडियो डालकर बहुत बड़ी क्रांति का आगाज किया है!

कबीर पत्थर के हमले झेलकर निपटा दिए गए मगर वीडियो फेसबुक पर डालकर बहुत बड़ी क्रांति का आगाज कर दिया गया है बहन द्वारा!

अब वीर नहीं वीरांगनाएं क्रांति का आगाज कर ही है!सचमुच में भारत बदल रहा है!

पहले किताबें लिखकर कटप्पा ने क्रांति का आगाज किया था और अब वीडियो डालकर कटप्पा की बहने क्रांति का फीता काट रही है!

धर्म के चमचों,जातियों के चमचों के लिए मान्यवर कांशीराम जी ने किताब लिखी थी "The chamcha age"!1982 में!

सबरीमाला मंदिर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हमारी वीरांगनायें क्रांति की जंग लड़ रही है।एक कोई मुम्बई की दरगाह में भी भारी क्रांति हो रही है!

कभी सोचा!जहां जाने में कोई फायदा नहीं उसके लिए ये क्रांतियां क्यों हो रही है?चौधरी छोटूराम की प्रेरणा से बोर्डिंग-स्कूल बने थे,बाबा साहब की प्रेरणा से हमने देवालयों के बजाय विद्यालयों का रास्ता चुना था।

ये मंदिर प्रवेश आंदोलन करने वाले,पूजा में गैर-बराबरी दूर करने के लिए लड़ने वाले वीर-वीरांगनाएं कौन है और कहां से आकर बीच-बीच मे भ्रांति की क्रांति करने की गफलत फेंक जाते है?

खूब लड़ी मर्दानी यह तो चंदन वाली मासी थी.....!

सामान्य ज्ञान